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    Home»Top Story»प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत निर्माण के सपनों को पूरा करने में जुटे प्रवासी श्रर्मिक
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    प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत निर्माण के सपनों को पूरा करने में जुटे प्रवासी श्रर्मिक

    sonu kumarBy sonu kumarAugust 1, 2020No Comments3 Mins Read
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    बिहार की औद्योगिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में चर्चित बेगूसराय किसी भी मामले में कम नहीं है। वैश्विक महामारी कोरोना में लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने से फटेहाल श्रमिक भागम-भाग कर रहे हैं। इस भागम-भाग में कई ऐसे तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं जो कि औद्योगिक बिहार, सशक्त बिहार, आत्मनिर्भर भारत निर्माण के मील का पत्थर साबित होगा। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए दिन में कई बार सैनेटाइज होना जरूरी है और यह सैनेटाइजर दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में आ रहा है। बाजार के हर दुकान में सैनेटाइजर बिक रहा है तो अब परदेस से अपने घर आए श्रमिक सैनेटाइजर भी बनाएंगे। अगर यहां सैनेटाइजर का निर्माण शुरू हो जाता है तो यह औद्योगिक नवप्रवर्तन की बड़ी बात होगी।

    परदेस से लौटे श्रमिक औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के सहारे बेगूसराय में कई ऐसे सामग्रियों का उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं जो बिहार में अजूबा होगा। जरूरत है तो बस इन श्रमिकों को सही मार्गदर्शन और आत्मनिर्भर बनने के लिए आर्थिक सहयोग की। इन्हें आर्थिक सहयोग देकर विकास की नई कहानी शुरू की जा सकती है। इंदौर के रतन आयुर्वेद संस्थान में दस साल से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस मजदूरी कर रहे बलिया के रूपेश कुमार एवं महेश राय ने बताया कि हम लोग दैनिक उपयोग में आवश्यक विभिन्न दवाओं के निर्माण में महारत हासिल कर चुके हैं। उनकी फैक्ट्री में सैनेटाइजर और हैंड वॉश भी बनाना सिखाया गया है। लॉकडाउन में काम-धंधा बंद हो गया तो घर आ गए लेकिन शुरुआती दिनों में सैनेटाइजर बाजार में उपलब्ध नहीं हो सका था। जिसके कारण हम लोगों ने अपने परिवारिक उपयोग के लिए खुद से बनाना शुरू कर दिया, इसके लिए कुछ केमिकल युक्त पाउडर इंदौर से ही लेकर आए थे।
    अल्कोहल उपलब्ध करवा दिया जाए तो हम अभी भी बड़े पैमाने पर सैनिटाइजर बना सकते हैं, इसमें उपयोग की अन्य चीजें प्राकृतिक रूप से हमारे घर के आस-पास में उपलब्ध है। यहां सैनिटाइजर निर्माण रोजगार शुरू करने के लिए सहयोग लेकर बनाएंगे। इससे ना सिर्फ हमारा परिवार आत्मनिर्भर होगा, बल्कि गांव के अन्य शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी काम मिलेगा, वह भी आत्मनिर्भर बनेंगे। बरौनी प्रखंड के नींगा, मिर्जापुर में भी सैकड़ों मजदूर परदेस से वापस लौटे हैं। इन लोगों ने कलस्टर बनाकर साबुन, हैंडवाश और सैनिटाइजर निर्माण शुरू करने का निर्णय लिया है, इसके लिए प्रो. संजय गौतम के नेतृत्व में लगातार बैठक हो रही है। श्रम अधीक्षक अनिल कुमार शर्मा ने भी स्वरोजगार के लिए नवप्रर्वतन योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम आदि के माध्यम से रोजगार का भरोसा दिया है।
    प्रवासी श्रमिक गौतम पंडित, राजाराम कुमार, संतोष भगत, रंजीत पासवान, राम कुमार, शिवचंद्र कुमार, राम कुमार, सोनू कुमार, अनिल पासवान, अविनाश पासवान, मो. तनवीर हसन आदि ने बताया कि देश में पहली बार कोई सरकार बनी है, जिसने ना केवल हम भूखे श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराने की कवायद की, तुरंत काम देने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया। बल्कि हम श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है। ऐसे में रोजगार से ग्रामीण परिवेश का माहौल बदलेगा, घर पर रह कर रोजगार करेगें तो हम मजदूरों के बच्चों की उच्च शिक्षा का स्तर बढे़गा। कलस्टर बनाने में अपने समर्पित शक्ति से हम गांव को आत्मनिर्भर बनाएंगे। गांव हमारी ताकत है, गांव में रोजगार का सृजन कर ही हम भारत को शक्तिशाली देश बना सकते हैं। गांव में उद्योग लगने से शहर के लोग गांव आएंगे, गांव की पहचान आर्थिक उद्यमी स्वाभिमानी के रुप में किया जाएगा। अब हम यहीं पर बैग, फेवर ब्लॉक, जूता-चप्पल, अगरबत्ती, साबुन, सैनटाईजर, रेडिमेड कपड़ा का स्वरोजगार शुरु करने की योजना है।
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    sonu kumar

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