आजाद सिपाही संवाददाता
अयोध्या। बुधवार पांच अगस्त, 2020 का दिन दुनिया के इतिहास के सुनहरे पन्नों में शुमार हो गया। दिन में ठीक 12 बजकर 44 मिनट और आठ सेकेंड पर शुरू हुए अभिजीत मुहूर्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बननेवाले दुनिया के तीसरे सबसे बड़े मंदिर की आधारशिला रखी। इसके साथ ही 492 साल बाद दुनिया भर में फैले करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र के निर्माण का श्रीगणेश हुआ। इस मौके पर संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अलावा अयोध्या के महाराज तथा अन्य विशिष्ट संत-महात्मा उपस्थित थे। पूरे कार्यक्रम को दूरदर्शन के अलावा निजी टीवी चैनलों पर दिखाया गया, जिसे देश-विदेश के करोड़ों लोगों ने देखा। यह पहला मौका था, जब देश के प्रधानमंत्री अयोध्या आये और राम मंदिर के कार्यक्रम में शरीक हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विधि-विधान के साथ भूमि पूजन संपन्न कराया। पूजन करवाने वाले आचार्य दुर्गा गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजा संपन्न करायी। उन्हें पूजा विधियों की पूरी जानकारी थी, इसलिए इशारा करने पर ही वह समझ जाते थे। वह बहुत सौभाग्यशाली हैं, जो उन्हें इस अवसर का साक्षी बनने का मौका मिला।
राम की पैड़ी पर जलाये गये डेढ़ लाख दीये
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन संपन्न हो गया। कार्यक्रम की समाप्ति के साथ ही शाम को एक साथ डेढ़ लाख दीप जलाये गये। दीपों से राम की पैड़ी जगमग हुई। अयोध्या धाम के मंदिरों और अलग-अलग स्थानों पर दीपदान हुआ। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिलान्यास कार्यक्रम के बाद शाम को सरयू तट पर आरती की। उधर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर पटाखे जलाये। सीएम आवास को दीयों से सजाया गया था।
खूबसूरत रंगोली से सजा था अयोध्या का गर्भगृह
शिलान्यास और भूमि पूजन के लिए राम जन्मभूमि परिसर में गर्भगृह स्थल को खूबसूरती के साथ सजाया गया था। भूमि पूजन स्थान पर खूबसूरत रंगोली के साथ वहां पंडाल और मंच बनाये गये थे। इसी स्थान पर प्रधानमंत्री मोदी ने वैदिक रीति-रिवाज से शुभ मुहूर्त में चांदी की ईंट रख कर शिलापूजन किया।
भूमि पूजन के कार्यक्रम को पूरा कराने के लिए काशी, अयोध्या, दिल्ली और प्रयागराज के विद्वानों को बुलाया गया था। इनमें 21 ब्राह्मण शामिल थे। भूमि पूजन और शिलान्यास के साथ ही राम मंदिर निर्माण का कार्यक्रम शुरू हो गया। बताया जा रहा है मंदिर बन कर तैयार होने में करीब साढ़े तीन वर्ष लगेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही पूजा खत्म की, पंडाल में उपस्थित लोगों के साथ पूरे देश में ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष हुआ। टीवी से चिपके लोगों ने शंख ध्वनि और घड़ियाल-घंटियां बजा कर राम मंदिर निर्माण की शुरूआत पर हर्ष व्यक्त किया।
सुरक्षा के खास इंतजाम
पंडाल में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये थे। तीन अगस्त की शाम को ही पूरे नगर को सील कर दिया गया था। भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने वालों को विशेष पास दिया गया था। भूमि पूजन के बाद सभा मंच पर केवल चार लोगों को जगह दी गयी थी।