मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस में सचिन पायलट और समर्थक विधायकों की वापसी के बाद बदली हुई परिस्थिति में देश, प्रदेश और लोकतंत्र के हित में भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है। गहलोत बुधवार सुबह जोधपुर रवाना होने से पूर्व जैसलमेर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
सचिन और असंतुष्ट विधायकों की वापसी के बाद उनके कई समर्थक विधायकों के नाराज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायकों की नाराजगी को हमने दूर करने का प्रयास किया है। जिस रूप में ये एपिसोड हुआ है, उनको अपने परिवार और मतदाताओं से एक महीना दूर रहना पड़ा है, उससे नाराजगी होना स्वाभाविक था। उनको मैंने समझाया है कि देश, प्रदेश और लोकतंत्र बचाने के लिए कई बार हमें सहन करना भी पड़ता है। हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे। जो हमारे साथी चले गए थे, वे भी वापस आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि सब गिले-शिकवे दूर करके सब मिलकर हम प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके कांग्रेस की सरकार बनाई थी, अब हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उस विश्वास को बनाए रखें। हम प्रदेश की सेवा करें, सुशासन दें और मिलकर कोरोना का मुकाबला करें। असली जीत प्रदेशवासियों की है। पूरे प्रदेशवासियों ने हमारे विधायकों की हौसला अफ़ज़ाई की। टेलीफोन कर- कर के कहा कि कोई चिंता नहीं, महीना-दो महीना लग जाए परवाह मत करो, जीत सरकार की होनी चाहिए। सरकार स्थायी होनी चाहिए, उसके बाद में आप आओ हमारे घरों में। ये जो जज़्बा था पूरे प्रदेशवासियों का, ये उसकी जीत है।
विधायकों की बाड़ाबंदी का सकारात्मक पक्ष बताते हुए सीएम ने कहा कि विधायकों के आपस के संबंध अच्छे बने हैं। एक महीना साथ रहते हैं, तो आप समझ सकते हो कि कितने प्रगाढ़ संबंध बने होंगे। सबने मिलकर एकजुट होकर संकल्प किया है कि हमें जाकर प्रदेशवासियों की सेवा करनी है, जो हमारा परम धर्म बनता है।
विधायकों को लिखे पत्र के असर की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि उस पत्र का बड़ा इम्पैक्ट पड़ा। उसी कारण से भाजपा ने गुजरात भेजने के लिए जो तीन-तीन प्लेन हायर किए, मुश्किल से एक जा पाया, वो भी पूरा नहीं भरा हुआ था और उनका मंगलवार से होटल में कैंप लगना था वो सब टल गया। जो हमें कहते थे ‘बाड़ेबंदी क्यों कर रहे हो?’, ऐसी क्या नौबत आ गई कि उनकी बाड़ेबंदी होने लग गई? उससे जो प्रदेश के सामने हालात बने हैं, पूरी तरह वे एक्सपोज़ हो गए। भाजपा का षड्यंत्र राजस्थान में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी को बचाने के लिए कितना ही बड़ा संघर्ष करना पड़े, हम चूकेंगे नहीं। सत्य की ही जीत होती है।