Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, October 12
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»ताजा खबरें»महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बढ़ाना कानून का दुरुपयोग : चिदंबरम
    ताजा खबरें

    महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बढ़ाना कानून का दुरुपयोग : चिदंबरम

    sonu kumarBy sonu kumarAugust 1, 2020No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
    पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती की नजरबन्दी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का विस्तार कानून का दुरुपयोग है। यह एक प्रकार से नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। इस दौरान उन्होंने महबूबा की रिहाई के लिए सभी को मिलकर आवाज उठाने की अपील की।
    पी चिदंबरम ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का विस्तार कानून का दुरुपयोग है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। उन्होंने पूछा कि 61 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री, जो चौबीसों घंटे सुरक्षा गार्ड से संरक्षित हैं वो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है? वही पूर्व सीएम की नजरबन्दी के लिए दिए कारण को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि पार्टी के झंडे के रंग को लेकर कार्रवाई की गई, जो गलत है।
    कांग्रेस नेता ने केंद्र से सवाल किया कि आखिर अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ क्यों नहीं बोलन चाहिए? क्या यह स्वतंत्र भाषण के अधिकार का हिस्सा नहीं है? उन्होंने कहा, ‘मैं अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में पेश वकील में से एक हूं। अगर मैं अनुच्छेद 370 के खिलाफ बोलूं- जैसा कि मुझे करना चाहिए – क्या यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है?’ चिदंबरम ने कहा कि आवश्यकता है आज हम सामूहिक रूप से अपनी आवाज़ बुलंद करें और मेहबूबा मुफ़्ती को रिहाई की मांग करें।
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसुशांत सिंह आत्महत्या मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस सक्षम : मुख्यमंत्री उद्धव
    Next Article तिलक के विचार आज भी प्रासंगिक: शाह
    sonu kumar

      Related Posts

      केंद्र सरकार निजीकरण और बाजारीकरण को दे रही बढ़ावा : माले

      October 11, 2025

      बिहार में नामांकन प्रक्रिया के शुरु होते ही दोनों गठबंधन में सहयोगियों से बातचीत का दौर जारी

      October 10, 2025

      पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने प्रशांत किशोर से की मुलाकात

      October 10, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट
      • इतिहास के पन्नों में 13 अक्टूबर : 1792 में रखी गई ‘व्हाइट हाउस’ की नींव
      • हमास के बंधकों की रहाई का मामला, नई सूची में नेपाल के विपिन जोशी का नाम भी शामिल
      • पाकिस्तान को अफगानिस्तान का जवाब, देर रात कई चौकियों को तबाह किया, 12 सैनिकों के भी मारे जाने की खबर
      • शाहरुख खान से कृति सेनन तक, फिल्मफेयर 2025 में दिखा सितारों का शानदार जलवा
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version