दुनिया भर के तमाम देशों में सैकड़ों टीमें कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगी हैं। लेकिन इसी बीच रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और चीन से वैक्सीन बनाने में आगे बताया जा रहा है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि वर्ष 2021 तक कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल पाएगी। लेकिन लोगों तक इस वैक्सीन को पहुंचने में अभी और समय लगेगा। हालांकि, इसी बीच रूस ने सभी को चौंकाते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है।
रूस का कहना है वह देश में अक्टूबर से ही मास वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू करने वाला है। रूस ने यह भी कहा है कि यह वैक्सीन सबसे पहले डॉक्टर्स और टीचर्स को दी जाएगी। इसके बाद यह वैक्सीन इमरजेंसी सर्विसेज से जुड़े लोगों की मिलेगी।
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने बीते रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने अक्टूबर से कोरोना वायरस वैक्सीन के मास वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध हो जाने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बताया कि गामालेया इंस्टीट्यूट ने कोरोना वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल पूरे कर लिए हैं और परिणाम अच्छे रहे हैं। फिलहाल, वैक्सीन रजिस्ट्रेशन और डिस्ट्रीब्यूशन प्रक्रिया में है। स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको के मुताबिक, रूस की इस वैक्सीन को अगस्त के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की इस जल्दबाजी के प्रति कई देशों वैज्ञानिकों ने चिंता भी जाहिर की है। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया में रूस को सबसे बेहतर और मजबूत देश स्थापित करने के चक्कर में ऐसा लग रहा है कि वैक्सीन की जांच काफी जल्दबाजी में पूरी कर दी गई है।