आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उनकी सरकार चुनाव से पहले किये गये वादों को हर हाल में पूरा करेगी। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। मंगलवार को झारखंड मंत्रालय के बाहर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की कर्ज माफी को लेकर गंभीर है। विभाग इस पर तेजी से काम कर रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि कृषि ऋण के कारण कई किसान परेशान हैं।

झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि यह अध्यादेश फिलहाल राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए लंबित है। यह सरकारी प्रक्रिया है। समय तो लगता है, लेकिन यह जल्द पूरी हो जायेगी। हेमंत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 10 राज्यों के सीएम से बात की है, लेकिन इसमें झारखंड का नंबर नहीं आया। नंबर आयेगा और कोरोना संक्रमण के बारे में पूछा जायेगा, तो यहां की स्थिति से पीएम को जरूर अवगत करायेंगे। झारखंड के खिलाड़ियों से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए नीति तैयार की जा रही है।

15 अगस्त को कई योजनाएं लांच करेंगे
इस बीच सूत्रों ने बताया है कि सीएम 15 अगस्त को कई योजनाएं शुरू करेंगे। इनमें नगर विकास विभाग में रोजगार और कल्याण विभाग में स्कॉलरशिप से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। रोजगार के लिए हेमंत नगर विकास की प्रस्तावित महत्वाकांक्षी योजना सीएम श्रमिक योजना की शुरूआत करेंगे। यह योजना अकुशल शहरी श्रमिकों के लिए है। मनरेगा की तर्ज पर बनायी गयी इस योजना की तैयारी मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही शुरू कर दी थी। मनरेगा की तरह ही यह एक रोजगार गारंटी योजना की तरह होगी। शहरों में रहनेवाले 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के अकुशल श्रमिकों को एक वित्तीय वर्ष में एक सौ दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी। यदि किसी आवेदक कामगार को आवेदन के 15 दिन के अंदर काम नहीं मिलता है, तो उसे बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा।

इसके अलावा सीएम विद्यार्थियों के लिए नयी छात्रवृत्ति योजना भी शुरू करेंगे। कल्याण विभाग में पहले से ही एससी, एसटी और ओबीसी तथा अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप मिल रही है। सूत्रों के अनुसार सीएम स्कॉलरशिप राशि में बढ़ोत्तरी के साथ नयी योजनाओं को भी हरी झंडी दिखायेंगे।

झारखंड में रोजगार है एक बड़ा मुद्दा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने राज्य के युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले गठबंधन के सहयोगी दलों की चुनावी घोषणा में रोजगार प्रमुख रहा है। कोरोना संक्रमण काल में भी मुख्यमंत्री के जेहन में यह पहली प्राथमिकता है। इस बीच वह प्रवासी मजदूरों के रोजगार के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।

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