रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग में लंबित मामलों की सुनवाई नहीं होने पर गंभीरता दिखाई है और राज्य के मुख्य सचिव को हाजिर होने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने विश्वंभर चौबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा है कि सूचना आयोग की ओर से इस मामले में कोई वकील भी उपस्थित नहीं हो रहा है। सरकार की ओर से बार बार समय देने का आग्रह किया जा रहा है लेकिन हाईकोर्ट लंबे समय तक किसी भी मामले को बिना वजह लंबित नहीं रख सकता।
ऐसे में मुख्य सचिव को अदालत में उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा है। अदालत ने मुख्य सचिव को नौ सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सूचना आयोग में लंबित मामलों की सुनवाई नहीं की जा रही है।कई मामलों में जन सूचना पदाधिकारी की ओर से सूचना नहीं दी जा रही है।
प्रथम अपील के बाद लोग दूसरी अपील के लिए सूचना आयोग में आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अभी तक मामलों पर सुनवाई नहीं की जा रही है।सदस्य सचिव रखाल चंद्र बेसरा ने अदालत को बताया कि आयोग के बारे में वह अभी ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। उन्होंने हाल ही में इस पद पर योगदान दिया है। आयोग में अभी अध्यक्ष नहीं है।
आयोग के वकीलों की नियुक्ति का अधिकार अध्यक्ष को ही हैं। ऐसे में वह वकीलों की नियुक्ति नहीं कर सकते। जबकि महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि इस मामले की फिलहाल सुनवाई नहीं की जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि अदालत किसी भी मामले को बेवजह लटका के नहीं रख सकती।