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    Home»Breaking News»स्वतंत्रता दिवस: प्यारे झारखंडवसियों जोहार – सीएम हेमंत सोरेन
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    स्वतंत्रता दिवस: प्यारे झारखंडवसियों जोहार – सीएम हेमंत सोरेन

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 15, 2021No Comments18 Mins Read
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    भगवान बिरसा मुण्डा एवं वीर सिद्धो कान्हू जैसे अनेक महान सपूतों की बलिदानी भूमि पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं और समस्त झारखंडवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।

    2. आज हम 75वां स्वतंत्रता दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लाखों देशभक्तों के शहादत की बदौलत हमें यह आजादी मिली है और एक स्वतंत्र देश का नागरिक कहलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। राष्ट्रीय पर्व की इस पावन बेला में मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,
    पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा॰ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल सहित उन तमाम देशभक्तों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिनके कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान ने हमें आजादी दिलायी और एक समृद्ध और समतामूलक राष्ट्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

    3. झारखण्ड का इतिहास संघर्ष और बलिदान की गौरव गाथाओं से भरा हुआ है। धरती आबा बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानों, वीर बुद्धु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराव, शहीद विश्वनाथ शाहदेव जैसे अनके महान विभूतियों ने स्वतंत्रता के संघर्ष में अपनी आहूति दी है।

    4. राष्ट्रीय पर्व के इस पावन अवसर पर हमारे देश की सुरक्षा के लिए समर्पित वीर सैनिकों, सुरक्षा बलों और पुलिस के जवानों को, मैं, स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं। हमारे देश के वीर सैनिक कठोरतम परिस्थितियों में भी हमारे देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हंै। ऐसे सैनिकों की बहादुरी, देश प्रेम और बलिदान पर हम देशवासियों को गर्व है।
    5. झारखण्ड के लोग सहज एंव सरल हैं। आज इस मंच से मैं, झारखण्डवासियों को यह भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि उनका हक दिलाने के लिए आपकी सरकार वचनबद्ध है और पूरी निष्ठा से इस दिशा में काम भी कर रही है।

    6. झारखण्ड की सांस्कृतिक पहचान, यहाँ की मिट्टी में रची-बसी परम्पराओं और झारखण्डी अस्मिता को सुरक्षित रखते हुए हम एक ऐसे राज्य के निर्माण के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं जहाँ विकास में सभी वर्गों की भागीदारी हो, गरीबों, आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के अधिकार सुरक्षित हों तथा अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँच सके। हमारी सरकार ने विकास मूलमंत्र, आधार लोकतंत्र का दृष्टिकोण अपनाया है।

    7. राज्य में विकास को गति देने के लिए नई नीतियाँ बनाई जा रही है तथा पूर्व की नीतियों में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति, 2021 लागू की गई है, जो अगले 5 वर्षों तक प्रभावी रहेगी। प्राकृतिक सम्पदाओं से भरपूर तथा खनिज बाहुल्य इस राज्य में गरीब लोगों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए यह नीति एक मील का पत्थर साबित होगी।

    8. राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिए विभिन्न नियुक्ति एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन तथा संशोधन की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की गयी है। अब राज्य में वर्ग-3 के पदों पर नियुक्ति की परीक्षा में केवल वही अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे जिन्होंने 10वीं अथवा 12वीं की परीक्षा झारखण्ड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से पास की हो। झारखण्ड राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल रखा गया है ताकि उनके हितों की रक्षा हो सके। अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है। इससे सरकारी नौकरियों में झारखण्ड के युवक/युवतियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा।

    9. खेल के क्षेत्र में देश दुनिया में झारखण्ड की अलग पहचान रही है। झारखण्ड सरकार की खेल नीति में यह प्रावधान है कि ओलम्पिक खेलों में राज्य के खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर क्रमश: दो करोड़, एक करोड़ तथा 50 लाख रुपये दिये जायेंगे। भागीदारी के लिए मात्र 5 लाख रुपये देने का प्रावधान है। भारतीय हॉकी टीम में शामिल झारखण्ड की बेटियों सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान के बेहतर प्रदर्शन को सम्मान देते हुए इन खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपए की नगद राशि का भुगतान किया गया है।

    10. झारखण्ड सरकार राज्य के खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए दृढ़संकल्पित है। राज्य में खेल व खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नई खेल नीति, 2020 बनाई गई है। खेल प्रतिभाओं को उचित सम्मान देते हुए हमारी सरकार ने ह्लझारखण्ड खिलाड़ी सीधी नियुक्ति नियमावलीह्व के तहत् अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 39 खिलाड़ियों को राज्य सरकार के अधीन नियुक्त किया गया है। यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। सरकार की ओर से खिलाड़ियों को समुचित सहयोग मिल सके, इसके लिए राज्य में पहली बार जिला क्रीड़ा पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई है। हम खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा प्रदान करना चाहते हैं ताकि दुनियाभर में झारखण्ड का नाम रौशन हो सके।

    11. आप सब अवगत हैं कि गत एक वर्ष से कोरोना महामारी से हम किस प्रकार जूझ रहे हैं। इस महामारी ने राज्य के विकास की गति को प्रभावित किया है। कोरोना माहामारी की चुनौतियों के बीच जीवन भी और जीविका भी के मंत्र के साथ राज्य को विकास की पटरी पर लौटाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य की लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर है। ऐसे में ग्रामीण विकास ही राज्य के विकास का इंजन बन सकता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने इस वर्ष के बजट में ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए इस प्रक्षेत्र के लिए 7,644 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया है। कृषि प्रक्षेत्र के लिए 3,189 करोड़ रुपए एवं पंचायती राज्य के लिए 2,623 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।

    12. राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। इस कार्य में मनरेगा योजना अहम भूमिका निभा रही है। विगत वर्ष हमारी सरकार ने मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से चार महत्वपूर्ण योजनाओं यथा- ह्णबिरसा हरित ग्राम योजनाह्ण, ह्णनीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजनाह्ण, ह्णवीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजनाह्ण तथा ह्णदीदी बाड़ी योजनाह्ण का शुभारम्भ किया गया था। उक्त सभी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है। बिरसा हरित ग्राम योजना के अन्तर्गत लगभग 21 हजार एकड़ भूमि में फलदार वृक्ष लगाये जा रहे हैं। नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत् राज्य में जलछाजन सिद्धांत को अपनाते हुए लगभग 30,000 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया गया है। वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत् 97 खेल मैदानों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 1717 खेल के मैदान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राज्य की लगभग 02 लाख महिलाओं को दीदी बाड़ी योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। विदित हो कि मनरेगा में राज्य सरकार ने अपनी निधि से राशि की व्यवस्था करते हुए अब दैनिक मजदूरी के रुप में 225 रुपयों का भूगतान करने का निर्णय लिया है।

    13. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत राज्य के
    24 जिलों के 263 प्रखण्डों के 27,586 गाँवों में करीब 2,61,239 सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है। झारखण्ड के करीब 32 लाख से ज्यादा परिवारों को सखी मंडल से जोड़ा जा चुका है। आजीविका सशक्तिकरण के तहत करीब 17 लाख परिवारों को कृषि आधारित आजीविका एवं करीब 3 लाख परिवारों को पशुपालन से जोड़ा गया है। फुलो – झानो आशीर्वाद अभियान के अंतर्गत राज्य की करीब 13,300 महिलाओं को हड़िया – दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त कराकर आजीविका के अन्य साधनों से जोड़ा गया है।

    14. हमारे किसान भाई दिन रात मेहनत मजदूरी कर फसल उगाते हैं और राज्य के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। कृषि के विकास एवं किसानों की खुशहाली के लिए हमारी सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। कृषि ऋण के बोझ से दबे राज्य के छोटे एवं सीमान्त किसानों को राहत पहुँचाने के लिए झारखण्ड राज्य कृषि ऋण माफी योजना लागू की गई है। इस योजना अन्तर्गत कुल 750 करोड़ रुपये की राशि 1,82,561 (एक लाख बयासी हजार पाचं सौ एकसठ) कृषकों के ऋण खाते में ट्रांसफर की गई है। झारखण्ड राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान की भरपाई हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना प्रारम्भ की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रतिकूल मौसम के कारण फसलों के उत्पादन में नुकसान होने की स्थिति में क्षति का आकलन कर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी।

    15. बिरसा किसान के रूप में राज्य के किसानों को एक नई पहचान मिली है। 9 अगस्त को ह्णविश्व आदिवासी दिवसह्ण के अवसर पर किसानों के लिए 734 करोड़ रुपए की योजनाओं की शुरूआत की गई है। राज्यभर के 02 लाख किसानों को 587 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। पशुधन योजना के तहत राज्य के 62 हजार किसानों को कुल 147 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा।

    16. हमारी सरकार की सोच है कि ह्लखेती ही किसानों का बैंक है और पशुपालन ही उनका ए0टी0एम0 है।ह्व पशुपालन के द्वारा राज्य के किसानों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण किसान एवं खेतिहार मजदूर भाईयों को अनुदान पर पशुधन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही पशुपालन के लिए शेड निर्माण हेतु भी अनुदान दी जा रही है। झारखण्ड के ळक्च् में कृषि के योगदान को 12 प्रतिशत से बढ़कार 20 प्रतिशत करने के लक्ष्य के साथ कार्य योजना तैयार कर योजनाओं को मूर्तरूप दिया जा रहा है।

    17. इस वर्ष नई योजना के रूप में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला की शुरूआत की जा रही है। प्रथम चरण में प्रत्येक जिले में एक कृषि फार्म को समेकित रूप से कृषि के विभिन्न आयामों जैसे-उन्नत कृषि तकनीक, उद्यानिक फसलों की खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई की उन्नत व्यवस्था विकसित करते हुए कृषक पाठशाला के रूप में विकसित किया जायेगा। कृषक पाठशाला में स्थानीय किसानों की क्षमता का विकास करते हुए उन्हें कृषि क्षेत्र, पशुपालन क्षेत्र, मत्स्य पालन, सूकर पालन इत्यादि में दक्ष एवं रोजगारोन्मुखी बनाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी की जायेगी।

    18. कृषि उत्पादों के बेहतर भण्डारण एवं विपणन के उद्देश्य से झारखण्ड के विभिन्न जिलों में 5000 मीट्रिक टन क्षमता के मॉडल शीतगृह का निर्माण कराया जा रहा है।

    19. राज्य में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु निरंतर प्रयास किया जा रहा है। राज्य की पुरानी वृहद् एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं के पुनरूद्धार का कार्य किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत कुल 102 पुरानी वृहद् एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं को चिन्हित किया गया है। 33 सिंचाई योजनाओं का पुनरूद्धार का कार्य पूर्ण कर 44,296 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा पुनर्बहाल की गई है तथा विभिन्न जिलों के 40 सिंचाई योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। सिंचाई परियोजनाओं में विस्थापन/ डूब क्षेत्र/ भूमि अधिग्रहण को न्यूनतम करने के उद्देश्य से मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना की परिकल्पना की गई है। इस योजना के अन्तर्गत गढ़वा-पलामू जिला में सोन-कनहर पाईपलाईन योजना क्रियान्वित की जा रही है।

    20. हरी भरी धरती हमारे झारखण्ड की पहचान है। तीव्र शहरीकरण ने झारखण्ड की हरियाली को प्रभावित किया है। शहरी क्षेत्रों को हरा भरा करने हेतु शहरी वानिकी योजना के नाम से एक नई योजना की शुरूआत की जा रही है। इस योजना के तहत् सम्पूर्ण राज्य के शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध भूमि एवं सड़क किनारे वृक्षारोपन का कार्य किया जायेगा। शहरी क्षेत्रों में अब तक निर्मित पार्कों का विकास किया जायेगा ताकि आम लोगो को प्राकृतिक वातावरण के साथ-साथ मनोरंजन के साधन उपलब्ध हो सके।

    21. शहरी क्षेत्र में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री श्रमिक योजना लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 15,442 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है तथा कुल एक लाख तेरह हजार मानव दिवस सृजित किए गये हैं।

    22. लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास कर राज्य की अर्थव्यस्था को मजबूत करने का कार्य भी किया जा रहा है। झारखण्ड रेशम उत्पादन में देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है। तसर उत्पादन में गुणात्मक एवं संख्यात्मक वृद्धि के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा रेशम उत्पादकों को उन्नत कीट पालन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। झारखण्ड, खासकर संथाल परगना क्षेत्र में पारम्परिक रूप से उपलब्ध बाँस शिल्प हुनर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ह्लमुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्डह्व द्वारा पूरे राज्य से 10,336 लाभुकों का चयन कर उन्हें बाजार आधारित बाँस शिल्प में 30 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    23. राज्य के विकास में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने हेतु सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण एवं ऋण पर अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों को अधिकतम 25 लाख रुपये का ऋण दिये जाने का प्रावधान है, जिसमें ऋण अनुदान 40 प्रतिशत की दर से या अधिकतम 5 लाख रुपये, दोनों में से जो कम राशि हो, लाभुकों को दिया जायेगा। मैं इस मंच से राज्य की युवा शक्ति से अपील करना चाहता हूँ कि आप उपरोक्त योजना का ज्याद से ज्यादा लाभ उठावें।

    24. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हमारे सरकार की प्राथमिकता है। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय  तथा 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल के साथ-साथ 4091 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की परिकल्पना की गयी है। प्रथम फेज में लगभग 290 करोड़ की लागत से जिला स्तर पर 80 विद्यालयों को स्कूल आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचना यथा – बेहतर वर्गकक्ष, प्रयोगशाला कक्ष, संसाधनों से भरपूर पुस्तकालय, स्टेम लैब, विद्यार्थियों के लिये खेलकूद की व्यवस्था को शामिल किया गया है। सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा हेतु 974 विद्यालयों में आई.सी.टी. लैब स्थापित की गई है, जिससे इन विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा की बेहतर पढ़ाई हो सकेगी।

    25. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान में सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 20.9 हो गया है। सकल नामांकन अनुपात दर में वृद्धि के उदेश्य से झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय एवं झारखण्ड जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है।

    26. विगत वर्ष हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की गई, जिसके तहत् वैसे छात्र/छात्राओं जिन्हें किसी भी स्तर से किसी प्रकार की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाता है, उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस निमित्त 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किाय गया है, जिससे लगभग 1.28 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

    27. इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत् 16.33 लाख छात्र/छात्राओं को कुल 194 करोड़ रुपए़ तथा पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत् 2.93 लाख छात्र-छात्राओं को कुल 234 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

    28. झारखण्ड में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु पलामू, दुमका एवं हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है तथा इन नव-निर्मित मेडिकल कॉलेजों के लिए 500 बेड अस्पताल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कोडरमा एवं चाईबासा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण एवं सदर अस्पताल का उन्नयन कार्य प्रगति पर है। सदर अस्पताल, राँची में 200 बेड मातृ एवं शिशु सेवा केन्द्र तथा अन्य 300 बेड वाले वार्ड ब्लॉक का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं अस्पताल का परिचालन प्रारम्भ हो चुका है। ।

    29. राज्य के आर्थिक, सामाजिक, औद्यौगिक एवं पर्यटन के विकास हेतु उन्नत यातायात व्यवस्था का होना जरूरी है। राज्य में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 2000 किलोमीटर पथों के उन्नयन की कार्रवाई की जा रही है। इसके अन्तर्गत अंतर जिला पथों एवं विभिन्न जिलों के महत्वपूर्ण पथों को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय उच्च पथों पर स्थित शहरों यथा चतरा, गढ़वा, पाकुड़, देवघर, गिरिडीह, खूंटी, चाईबासा, लोहरदगा, गोड्डा, दुमका, चक्रधरपुर एवं मनोहरपुर में बाईपास के निर्माण हेतु स्वीकृति दी गई है। गुमला बाईपास का निर्माण प्रगति पर है। राजधानी रांची की यातायात व्यवस्था सुचारू एवं सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्र के पथों के चैड़ीकरण सहित रिंग रोड से जुड़ने वाले शहर के तंकपंस तवंके एवं अन्य महत्वपूर्ण पथों के चैड़ीकरण की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

    30. झारखण्ड को पड़ोसी राज्यों यथा उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उच्च पथों के
    4 लेनिंग का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। इसमें कुछ पथांश पूर्ण कर लिये गये है, कुछ पर कार्य चल रहें है एवं शेष शीघ्र शुरू किया जायेगा।

    31. ग्रामीण क्षेत्रों के बेहतर सड़क सम्पर्क हेतु इस वित्तीय वर्ष में राज्य संपोषित योजना के अंतर्गत 420 ग्रामीण पथों के कुल 2,031 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें 220 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 592 ग्रामीण पथों के कुल 1,632 किलोमीटर पथों का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें 256 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।

    32. झारखण्ड को बिजली अधिशेष राज्य बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पतरातू में 2400 मेगावाट और छज्च्ब् उत्तरी कर्णपुरा में 1980 मेगावाट के विद्युत उत्पादन केंद्र स्थापित किये गये हैं। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए बकाया राशि के ब्याज को माफ करने हेतु एकमुश्त समझौता योजना लागू की गई है। रांची, जमशेदपुर एवं धनबाद में स्मार्ट मीटरिंग का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रांची के गेतलसूद बांध में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है। राज्य के 453 गाँव में बिजली पहुँचाने के लिए
    5.1 मेगावाट क्षमता वाला स्टैंडअलोन ;ैजंदकंसवदमद्ध सोलर ग्रिड स्थापित किया गया है।

    33. हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। जल जीवन मिशन के तहत् राज्य के 59 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध अबतक 8 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत नल के द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। इस वर्ष लगभग 16 लाख ग्रामीण परिवारों को पाईप द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कार्रवाई की जा रही है।

    34. मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना से राज्य के अधिक से अधिक वृद्धजनों को लाभान्वित करने हेतु इस योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य
    3.50 लाख को बढ़ाकर 7.00 लाख कर दिया है तथा वर्तमान में इस योजना से लगभग 5.50 लाख वृद्धजन लाभान्वित हो रहे हैं। बेसहारा बुजुर्गों के आश्रय हेतु वृद्धाश्रम, राष्ट्रीय हेल्पलाईन नं0-14567 संचालित किया जा रहा है।

    35. राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना लागू की गई है जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित एवं पात्र लाभुकों को अनुदानित दर यथा एक रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 05 किलोग्राम चावल प्रतिमाह प्रति लाभुक उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में इस योजना के अन्तर्गत 11.95 लाख लाभुक आच्छादित हैं।

    36. राज्य को कुपोषण मुक्त करने हेतु राज्य सरकार प्रयासरत है। हमारी सरकार राज्य के 38,432 आँगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कोरोना काल में भी घर-घर जाकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा धातृ माताओं को गुणवŸाापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रही है। कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के भी प्रभावित होने की आशंका जतायी गई है। ऐसे में बच्चों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार सतत् प्रयत्नशील है। राज्य सरकार ने सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों को पूरक पोषाहार पकाने हेतु स्च्ळ की सुविधा प्रदान कर दी है।

    37. राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो, प्रशासन जनता के प्रति जबाबदेह और संवेदनशील हो, इसके लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावशाली नियंत्रण हेतु झारखण्ड पुलिस द्वारा जनता को 24 x7 आपातकालीन सेवाएँ दी जा रही है। महिला सुरक्षा हेतु ह्यह्यशक्ति ऐपह्यह्य संचालित है।

    38. स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में बार-बार आगाह किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वर्तमान परिस्थिति का मूल्यांकन कर राज्य सरकार द्वारा पाबंदियों में छूट जरूर दिये गये हैं ताकि राज्य में जीवन के साथ जीविका भी सुरक्षित रहे। परन्तु हमें यह भी ध्यान रखना है कि कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। मैं, राज्यवासियों से यह अपील करता हूँ कि कोरोना महामारी के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें, कोरोना गाईडलाईन्स का पालन करें। मास्क जरूर पहनें और ह्णदो गज दूरीह्ण मानदण्ड का पालन करें। राज्य में टीकाकरण का कार्य भी तीव्र गति से जारी है। राज्यवासियों को टीकाकरण में कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। सभी राज्यवासी यथाशीघ्र अपना और अपने परिजनों का टीकाकरण करा लें। खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रहने में मदद करें।

    अंत में मैं, एक बार फिर आप सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूँ। राज्य में भाईचारे एवं सामाजिक समरसता की भावना को मजबूत करने में सहयोग करें। हम सभी मिलकर अपने रचनात्मक एवं सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग झारखंड के नवनिर्माण एवं सर्वांगीण विकास के लिए करें। हमें उम्मीद है कि आप सभी के सहयोग से हम झारखण्ड को एक विकसित एवं सुदृढ़ राज्य बनाने में जरूर सफल होंगे।

    जय हिन्द! जय झारखण्ड!

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