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    Home»Breaking News»लोकसभा में ‘आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक-2021’ ध्वनिमत से पारित
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    लोकसभा में ‘आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक-2021’ ध्वनिमत से पारित

    azad sipahiBy azad sipahiAugust 3, 2021No Comments4 Mins Read
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    नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच ‘आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021’ ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक में रक्षा सेवाओं में संलग्न इकाइयों में असैन्य कर्मियों की छंटनी पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान किए गये हैं।

    रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने विधेयक को विपक्षी सदस्यों के भारी शोरगुल के बीच सदन के पटल पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा कि इसमें किसी तरह के श्रमिक अधिकारों और सुविधाओं का हनन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सात रक्षा उपक्रमों में निगमीकरण के विरोध में कर्मचारियों के हड़ताल की नोटिस के बाद देश की उत्तरी सीमाओं की स्थिति को देखते हुए सरकार को विवश होकर गत जून माह में अध्यादेश लाना पड़ा, जिसके स्थान पर यह विधेयक लाया गया है।

    आगे उन्होंने कहा कि इस विधेयक में दिए गए प्रावधानों को तभी लागू किया जाएगा, जब इसके लिए हालात उत्पन्न होंगे।

    भट्ट ने आगे कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया है, क्योंकि कोई भी नहीं चाहेगा कि देश की सीमाओं पर गोला-बारूद, हथियारों और अन्य सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति में किसी तरह का अवरोध उत्पन्न हो।

    रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के खत्म होने के बाद सरकार को इस विधेयक को लाने की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी हड़ताल की धमकी नहीं देते तो इस अध्यादेश या विधेयक को लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। साथ ही भट्ट ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस विधयक से किसी के भी लोकतांत्रिक अधिकारों का किसी तरह से कोई हनन नहीं होगा।

    सदन में कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामें और शोरगुल के बीच रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए संशोधन प्रस्ताव पेश किया।

    वहीं, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रहा किया कि इस विधेयक को कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करने वाला करार देते हुए कहा कि सदन में हंगामे की स्थिति के बीच इस विधेयक को पारित न किया जाए, क्योंकि हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं और सकी शुरुआत पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा से होनी चाहिए ।

    वहीं, सदन में हंगामे की स्थिति के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड के कर्मचारियों की यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की गई। यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में सहमति बनने के बाद ही इस विधेयक को लाया गया है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि इस विधेयक को तभी लागू किया जाएगा, जब इसकी जरूरत होगी।

    उन्होंने कहा कि इसे देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते एक वर्ष के लिए बनाया गया है। सिंह ने पूरे सदन से इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह किया। बिरला ने सदन में शोरगुल के बीच ही इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित करने की प्रक्रिया पूरी कराई।

    विधेयक के महत्वपूर्ण प्रावधानः
    आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 में रक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए जरूरी वस्तुओं या उपकरणों का निर्माण करने वाले उपक्रम, सशस्त्र बलों या उनसे संबंधित कोई विभाग, रक्षा संबंधी संगठन जिनकी सेवाएं बाधित होने से उक्त विभाग या उनके कर्मचारियों की सुरक्षा, रक्षा से जुड़े उत्पादों की मरम्मत या रखरखाव पर असर हो, को शामिल किया गया है।

    सरकार इन सेवाओं से जुड़ी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर प्रतिबंध लगा सकती है। विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक, प्रतिबंध के आदेश छह महीने तक लागू रहेंगे और छह महीने के लिए बढ़ाए जा सकते हैं इसके साथ ही अगर नियोक्ता गैरकानूनी छंटनी और तालाबंदी के जरिए सरकार की ओर से लागू प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें एक वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है या 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। विधेयक के प्रावधानों के तहत सभी अपराध संगीन और गैरजमानती श्रेणी के हैं।

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