उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुट गये हैं। सभी दलों के नेता एक-दूसरे पर सवाल उठा रहे हैं। आरोप-प्रत्योरोप का दौर शुरू हो गया है। सड़क से लेकर सदन तक में सभी दलों के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। खासकर यूपी की योगी आदित्य सरकार पर विपक्ष द्वारा कई सावल किये जा रहे हैं। जिसमें सबसे प्रमुख कोरोना के दौरान होने वाली मौतों और गंगा में मिलने वाले शवों के लेकर है। ऐसे ही कई सवाल यूपी सरकार से पूछे जा रहे हैं। जिसका जवाब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक मीडिया चैनल के नीजि कार्यक्रम में दिया।
पहला सवाल कोरोना के दौरान होने वाली मौतों ओर गंगा में मिलने वाले शवों को लेकर था
जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है। कोरोना के कारण होने वाली मौत दुखद है। वैसे सभी मौतें दुखद होती हैं। जहां तक गंगा में मिलने वाले शवों की बात है तो किसी भी बड़ी नदी या नदी के तटवर्ती इलाकों में गंगा में शव के प्रवाह के माध्यम अंतिम संस्कार की परंपरा है। हिंदू परंपरा में तीन तरह से अंतिम संस्कार होता है जो जिसमें अग्नि संस्कार, भू-समाधि और जल प्रवाह हैं। उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्ती इलाकों से जो दृश्य आए हैं वैसे दृश्य पहली बार नहीं आए। ऐसे दृश्य 2012 और 2014 में भी आए हैं।
दूसरा सवाल धर्मांतरण कानून और लव जिहाद को लेकर था
योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण कानून और लव जिहाद से जुड़े मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कानून के नतीजे सामने आ रहे हैं। हमारी एजेंसियों ने एक बड़े गैंग का पदार्फाश किया है जिसके तार 25 राज्यों में फैले थे। उन्होंने अपना शिकार मूक-बधिर बच्चों को बनाया.
तीसरा सवाल किसानों के हित को लेकर था
इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा किसानों के हित में बारे में सोचती है और किसान हमेशा हमारी प्राथमिक्ता में हैं। हमारी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया, हमने 86 लाख किसानों का 36,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।
अंत में उनसे पूछा गया अब चुनाव होने जा रहा है और इस समय लगातार शिलान्यास हो रहे है क्या यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
इस योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता बहुत बुद्धिमान है, जनता जानती है कि किसे चुनना है और किसे नहीं, जहां तक बात है शिलान्यास की तो हमारी सरकार शुरू से ही काम कर रही है। लगातार जनता के हित में कई कदम भी उठाये गये। चाहे रोजगार हो या शिक्षा हमारी सरकार शुरू से ही इन मुद्दो पर मुखर रही है और काम कर रही है। जहां तक बात है चुनावी रणनीति की तो यह बात बिलकुल गलत है क्यों कि जनता आपके 5 साल देखती हे ना कि आखिर के 6 महीने।