-मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हाइड्रोजन इंजन निर्माण के लिए हुआ एमओयू
-मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार क्लाइमेट चेंज को लेकर कर रही सकारात्मक कार्य
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना के लिए टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस के संयुक्त उपक्रम तथा झारखंड सरकार के बीच समझौता (एमओयू) होना निश्चित रूप से झारखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। ईश्वर ने इस राज्य को विभिन्न प्रकार की खनिज संपदाओं से आच्छादित किया है। यही कारण है कि झारखंड में कई छोटे-बड़े उद्योग के साथ-साथ बड़े-बड़े तकनीकी उद्योग भी स्थापित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से दो दिन पहले देशभर में चंद्रयान मिशन को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थीं, अंततोगत्वा भारत ने इसको सफलतापूर्वक पूरा किया। हमारे वैज्ञानिकों ने यह फिर साबित कर दिखाया कि भारत किसी से कम नहीं है। इस पूरे चंद्रयान अभियान में झारखंड के बोकारो जिला निवासी एक आदिवासी युवा शिवशंकर बेसरा का भी सराहनीय योगदान रहा है। शिवशंकर बेसरा इसरो की टीम में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हैं। सीएम ने कहा कि झारखंड के नौजवानों में हुनर की कोई कमी नहीं है, बशर्ते यह आवश्यक है कि हम नीति निर्धारण करने वाले लोग तथा यहां कार्यरत औद्योगिक संस्थाएं इस बात को समझें कि हमें इस राज्य के लिए क्या करना है। यहां के युवाओं को किस दिशा में आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशन प्रा. लि. (टाटा मोटर्स लि. और टाटा कमिंस लि. का संयुक्त उपक्रम) और झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के बीच हाइड्रोजन इंजन निर्माण से संबंधित नयी परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हेमंत सोरेन ने कहा कि वैसे तो झारखंड कहने के लिए देश के पिछड़े राज्यों में शामिल है, परंतु इसका कारण और मुकम्मल हल नहीं ढूंढ़ पाया हूं, लेकिन निरंतर प्रयासरत हूं।
झारखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए चर्चा का विषय
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार झारखंड की युवा पीढ़ी की सोच के अनुरूप, यहां की जन भावनाओं के अनुरूप विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए राज्य को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। आज हम सभी लोग इस सभागार में जिस कार्य के लिए एकत्रित हुए हैं, यह सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य सरकार झारखंड की धरती पर हाइड्रोजन इंजन निर्माण के लिए टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस के संयुक्त उपक्रम के साथ समझौता कर रही है। हाइड्रोजन इंजन परियोजना के शुरूआती दौर में हाइड्रोजन इंजन का इस्तेमाल सिर्फ हेवी व्हीकल में किया जायेगा, परंतु धीरे-धीरे इसके दायरे बढ़ेंगे। छोटे वाहनों में भी हाइड्रोजन इंजन इस्तेमाल करने की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ऐसे ही प्रयासों से झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी से निकलकर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।
प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्रदेश का 30 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से घिरा हुआ है। छोटे-छोटे झार-वनों को मिला दें, तो यह बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाता है। वर्तमान समय में देश और दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन तेजी से चुनौती बनकर उभर रहा है। क्लाइमेट चेंज को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर बड़ी-बड़ी गोष्ठियां, सेमिनार आयोजित कर चर्चाएं हो रही हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर हमारी सरकार एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए जन सहभागिता के साथ कई क्षेत्रों में सकारात्मक कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली जैसे शहर की जलवायु के विषय में हम लोग अक्सर सुनते आ रहे हैं। प्रकृति के साथ चुनौती मानव जीवन के लिए भारी पड़ता हुआ दिख रहा है। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन का घातक असर दिख रहा है, इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं बेमौसम बरसात, तो कहीं सुखाड़, कहीं बाढ़, विचित्र स्थिति बनी पड़ी है। प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ करने का परिणाम भी हम सभी लोग देख रहे हैं। प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित कर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की जरूरत है। राज्य में हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना जलवायु परिवर्तन में सुधार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
मौके पर थे मौजूद:
इस अवसर पर उद्योग विभाग के सचिव जितेंद्र कुमार सिंह और भारत में कमिंस ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय पाटिल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ तथा कमिंस इंडिया में इंजन व्यवसाय के उपाध्यक्ष नितिन जिराफे के अलावा मुख्य सचवि सुखदेव सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।