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    जनजातियों की सूची में शामिल है पुरान जाति, पर झारखंड में नहीं मिल रहा लाभ

    adminBy adminAugust 27, 2023Updated:August 27, 2023No Comments2 Mins Read
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    धड़ल्ले से हो रही है इस जाति की जमीन की खरीद-फरोख्त
    पिछले साल अप्रैल में ही मिला था अनुसूचित जनजाति का दर्जा
    अजय शर्मा
    रांची। झारखंड में निवास करने वाले पुरान जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिल रहा है। उनकी जमीन की खरीद-फरोख्त धड़ले से की जा रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल आठ अप्रैल को ही इस जाति को एसटी की सूची में शामिल कर दिया है। इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र भी भेजा गया। साथ ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी। इसके बावजूद झारखंड में इस जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां के जमीन माफिया को जैसे ही पता चला कि पुरान जाति अब एसटी में शामिल हो गयी है, वे सक्रिय हो गये। गैर-आदिवासी उनकी जमीन खरीद रहे है। रांची के तमाड़, बुंडू और खूंटी के कई इलाकों के अलावा चतरा में इस जाति के लोग रहते हैं।

    झारखंड में जारी नहीं हो सका है नोटिफिकेशन
    नियम यह है कि किसी भी जाति को एसटी की सूची में केंद्र सरकार ही शामिल कर सकती है। राज्य सरकार केंद्र की सहमति से किसी जाति को एससी की सूची में शामिल कर सकती है। एसटी की सूची में शामिल करने के बाद केंद्र से इसकी सूचना राज्यों को दी जाती है। तब राज्य सरकार इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करती है और फिर संबंधित जाति को उसका लाभ मिल जाता है। झारखंड में पुरान जाति के बारे में अधिसूचना या तो रोक दी गयी है या रुकवा दी गयी है। इस कारण गैर आदिवासी इनकी जमीन खरीद रहे हैं।

    क्या है फायदा
    जैसे ही पुरान जाति झारखंड में एसटी की सूची में शामिल होगी, उनकी जमीन की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लग जायेगी। कोई दूसरी जाति वाले उनकी जमीन नहीं खरीद सकते। उनकी जमीन खरीदने पर उसे सीएनटी एक्ट का उल्लंघन माना जायेगा। चर्चा है कि केंद्र का पत्र भू-राजस्व विभाग में पड़ा है। उसे पर कोई कार्रवाई बीते सवा साल से नहीं हुई है। फिलहाल यह जाति अनुसूचित जाति की श्रेणी में है। झारखंड में अनुसूचित जाति से ज्यादा आरक्षण अनुसूचित जनजाति को है। इससे भी यह जाति वंचित है।

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