कोलकाता। महानगर कोलकाता में 21 दिनों की मासूम को बेचने के आरोप में गिरफ्तार की गई उसकी मां और अन्य आरोपित लोगों से पूछताछ में पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पता चला है कि इस गिरोह में 100 से अधिक सरोगेट मदर्स शामिल हैं। साथ ही सैकड़ों एजेंटों और उप-एजेंटों का नेटवर्क शामिल है। इस रैकेट के पीछे के प्रमुखों में से एक ममता पात्रा को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस रैकेट में एक लोकप्रिय विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) केंद्र की पहचान सुनिश्चित करने में भी सफल रही है। कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके आनंदपुर में स्थित उक्त आईवीएफ केंद्र पर पहले ही छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया जा चुका है।

इस बीच, पात्रा अपने एजेंट नेटवर्क के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाली किसी भी महिला से उनकी खरीदारी के प्रस्ताव के साथ संपर्क करती थी और 40 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक की कीमत पर सेरोगेट मदर्स का गर्भ किराए पर दिया जाता था। बच्चे के जन्म के बाद, इसे दंपति को चार लाख रुपये से लेकर 4.5 लाख रुपये तक की राशि में सौंप दिया गया था शहर पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि हाल ही में पात्रा ने अपनी कोख भी किराये पर दी और उसमें से नवजात को बेचकर मोटी रकम कमाई। हम अब उस विशेष नवजात शिशु को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं।”

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