-शहीद अग्निवीरों के परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी और अनुग्रह राशि देने का एलान
-भाजपा ने जमीन लूट कर राज्य भर में अपना कार्यालय बनवाया
-ये लोग जमीन लुटेरे और झारखंड को बांटने की साजिश करनेवाले हैं
-भाषण के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विस सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए जम कर हमला बोला। कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में एक लाख लोगों को गैर-सरकारी नौकरी दी है। 83 प्रतिशत से अधिक स्थानीय मूलवासियों की नियुक्ति की गयी है। पांचवीं विधानसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन में अपने भाषण में उन्होंने यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर जवाबी वार किया। उन्होंने अग्निवीर के बारे में घोषणा की। कहा कि शहीद होनेवाले अग्निवीर के परिजनों को अनुग्रह राशि और अनुकंपा पर नौकरी दी जायेगी। सीएम के भाषण के दौरान विपक्षी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। लेकिन ने अपना वक्तव्य जारी रखा। सीएम के भाषण के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा ने ऑफिस बनाने के लिए जमीन लूटी
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उनके पास कोई एजेंडा नहीं है। ये लोग राजनीतिक एजेंडा के तहत काम कर रहे हैं। इन लोगों ने एक महत्वपूर्ण सत्र को हंगामा में बदल दिया। सीएम ने कहा कि इन लोगों का काला चिट्ठा मेरे पास है। इन्होंने पांच साल में क्या किया, सब मेरे पास है, इन्होंने चौबीस जिलों में अपना कार्यालय बनाया। इसमें इन्होंने जमीन की लूट नहीं, बल्कि डकैती की है। जमीन के लिए मर्डर तक हुआ है और फिर इन लोगों ने आॅफिस बनाया। ये लोग जमीन लूटते हैं और हमें जमीन लुटेरे कहते हैं। हमारे पीछे इडी और सीबीआइ लगा देते हैं और जेल भिजवा देते हैं। सीएम ने आगे कहा, पांच वर्षों में भाजपा के जितने आॅफिस बने, उसका पैसा कहां से आया, सरकारी, गैर मजरुआ और यहां तक कि टाटा की जमीन पर भी इन लोगों ने अपना कार्यालय बना दिया। इन लोगों के पास ना तो सदन के अंदर कोई जवाब है ना सदन के बाहर। इनका समूह और जमात बहुत बड़ा है। बाहर से आकर वे हम पर हमला बोलते हैं।
हिमंता बिस्व सरमा पर साधा निशाना
सीएम ने कहा कि ये झूठ-फरेब की दुकान चलाते हंै। कुछ यहां, कुछ पाकुड़ और कुछ जमशेदपुर में पड़े हैं। एक मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जो अपने बाढ़ग्रस्त राज्य असम के लोगों की सुधि नहीं लेते। हम मदद करते हैं और वे यहां आकर राजनीति कर रहे हैं। झारखंड को और समाज को विभाजित कर रहे हैं। चुनाव में झारखंड के साथ असम में भी भाजपा का सफाया हो जायेगा। ये लोग क्या बात करेंगे। ये लोग आइना भी देखेंगे, तो आइना भी शरमा जायेगा। ये इतने बहुरुरिये हैं।
डेमोग्राफी पर झूठे आंसू बहा रहे हैं
सीएम ने कहा कि ये लोग डेमोग्राफी की बात करते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठ की बात करते हैं। इनसे पूछा जाना चाहिए कि रांची, धनबाद, बोकारो और जमशेदपुर में आबादी क्यों बढ़ी। किसके कारण आदिवासियों की संख्या घटी। वैसे भी कोई भी अगर घुसपैठ करेगा, तो या तो जमीन से, या नदी के रास्ते या हवाई जहाज से। इन तीनों पर मालिकाना हक इन्हीं का है। ये लोग हमारे देश की स्थिति पाकिस्तान से भी खराब कर देंगे। महंगाई का स्तर देख लें। गरीब भूखों मरने को मजबूर हो गया है। इसीलिए तो केंद्र में पहले मोदी और भाजपा की सरकार थी, अब बैसाखी की सरकार है। सहायक पुलिसकर्मी को इन्होंने नाजायज तरीके से नियुक्त किया और उन्हें मंझधार में छोड़ दिया, हम लगातार इन्हें एक्सटेंशन दे रहे हैं और घोषणा की है कि पुलिस नियुक्ति में 10% आरक्षण देंगे।
बालू बेचने पर साधा निशाना
हेमंत ने कहा कि भाजपा के लोग व्यापारी हंै। सुबह विधानसभा में बालू बेच रहे थे। इनका काम ही है बेचना। ये देश बेच देंगे। अरबों रुपये की ऋण माफी होती है, लेकिन पूंजीपतियों की। ये लोग किसानों का ऋण माफ नहीं करते। किसान खून के आंसू रोता है, लेकिन वह उन्हें दिखायी नहीं पड़ता। हमने झारखंड में पचास हजार रुपये तक की किसानों की ऋणमाफी की है। अभी लोकसभा में इनको आइना दिखाया है। विधानसभा में सफाया कर देंगे।
इनके सबसे बड़े नेता ने एक भी सवाल नहीं पूछा
हेमंत ने कहा कि भाजपा के सबसे बड़े नेता ने पिछले पांच सालों में एक भी सवाल सदन में नहीं पूछा है। इन्होंने बस राजनीतिक रोटी सेंकी है। गुजरात में, जहां ये 25 साल से सरकार में हैं, एक भी नियुक्ति नहीं हुई है। सबसे ज्यादा पेपर लीक गुजरात में हुआ है। झारखंड में पेपर लीक होता है, तो अखबारों में मोटे-मोटे अक्षरों में छपता है, क्योंकि ये उनकी जेब में हैं। ये तो कोर्ट को भी जेब में रखने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय, नियोजन नीति का इन्होंने बंटाधार कर दिया
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने एक लाख से ज्यादा लोगों को गैर सरकारी नौकरी दी है। अपने हाथों से नियुक्ति पत्र बांटा है। हमने स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनायी, लेकिन इन नालायकों ने इसका भी बंटाधार किया। कोर्ट के माध्यम से ये हमारी नीतियों को रोकते हैं। हमने यहां के आदिवासियों-मूलवासियों के लिए कानून बनाया, तो उसे गैर-कानूनी कहा गया और दूसरे राज्यों ने बनाया, तो वो संवैधानिक हो जाता है। यहां हमने जितनी नियुक्तियां की हैं, उनमें 83 प्रतिशत यहां के स्थानीय मूलवासियों-आदिवासियों को मिलीं। इन लोगों ने सरना धर्म कोड को लागू नहीं होने दिया गया। सीएम ने कहा कि अभी डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि हमें आदिवासी का दर्जा दीजिए। अरे लंबोदार जी, जब आदिवासियों को ही अभी ये अपना हक नहीं लेने दे रहे, तो आप अभी कहां जाइयेगा। ये लोग महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं। इन्होंने पांच साल में छह सौ करोड़ रुपये महिलाओं के बीच बांटे, हमने 10 हजार करोड़ रुपये महिलाओं के बीच में बांटा है। अभी हमने मंइयां सहयोग राशि योजना शुरू की है। आज से ही यह शुरू हुआ है। इसमें हम पचास लाख महिलाओं को (21 वर्ष से 50 वर्ष) साल में बारह हजार रुपये देंगे। किसी-किसी परिवार में तीन से चार महिलाएं होंगी, आप जोड़ लें कि उस परिवार को कितना मिलेगा। आगे चल कर यह राशि प्रति परिवार साल में एक लाख रुपये तक पहुंच सकती है। 2019 से पहले अस्पतालों में कोई व्यवस्था इन लोगों ने नहीं की। आइसीयू बेड तक नहीं खरीदा। हमने पिछले पांच सालों में अस्पतालों की स्थिति सुधारी है। इसमें और सुधार करेंगे। सीएम ने कहा कि पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है। आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानेदय 50 प्रतिशत बढ़ाया गया, रसोइया के मानदेय में शत प्रतिशत बढ़ोत्तरी की। अनुबंधकर्मियों के मानदेय में करीब 12 सौ करोड़ की अतिरिक्त राशि का प्रबंध प्रतिवर्ष किया गया है।
भविष्य की योजनाएं बतायीं
हम किसानों को और राहत देने के बारे में विचार कर रहे हैं। आने वाले समय में हर प्रखंड में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देंगे। अभी यह योजना कुछ जिलों में ही शुरू हो पायी है। आगे सभी जिलों में शुरू होगी। भाजपा ने मनरेगा और शिक्षा में पैसे घटा दिये, आवास योजना का पैसा हमें नहीं दे रहे हैं। इसलिए हमने अपने गरीबों के लिए अबुआ आवास योजना शुरू की। अभी हमने तीस लाख लोगों को आवास देने की योजना बनायी है, आनेवाले दिनों में हम योग्य सभी परिवारों को आवास देंगे।
यह अंतिम नहीं, अनवरत सत्र है
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मानसून सत्र है। ये लोग कहते हैं कि यह अंतिम सत्र है, लेकिन असल में यह अनवरत सत्र है। आगे भी हम ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा का फार्मूला है किसी को खाने नहीं देंगे, सब हम खा जायेंगे। सदन में भाजपा विधायकों के हंगामे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके शोर-शराबे से हम परेशान होनेवाले नहीं हैं। हम मछली की आंख की तरह अपने लक्ष्य को देख रहे हैं। अगली बार हम फिर लौट कर आयेंगे और इनके ज्यादातर विधायक दूसरी बार चुन कर नहीं आयेंगे। इनकी संख्या दहाई में नहीं पहुंचेगी।