रांची। झारखंड में भाकपा माओवादी के अलावा कई छोटे-बड़े उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। इन उग्रवादी संगठनों में तीन उग्रवादी संगठनों के प्रमुख हैं। इनमें टीपीसी, पीएलएफआइ और जेजेएमपी उग्रवादी संगठन शामिल हैं। तीनों उग्रवादी संगठन समय-समय पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर झारखंड पुलिस को चुनौती देने का काम करते रहे हैं।
तीनों उग्रवादी संगठनों के कई छोटे-बड़े उग्रवादी पकड़े गये हैं
इस दौरान तीनों उग्रवादी संगठनों के कई छोटे-बड़े उग्रवादी पकड़े गये हैं या फिर मुठभेड़ में मारे गये हैं। वर्तमान में हालात यह है कि इन उग्रवादी संगठनों में सिर्फ सात बड़े उग्रवादी बचे हैं। इनमें टीपीसी के तीन, पीएलएफआइ के एक और जेजेएमपी के तीन उग्रवादी शामिल है।
झारखंड पुलिस और एनआइए के रडार पर ब्रजेश गंझू और आक्रमण गंझू
10 लाख के इनामी भीखन गंझू की गिरफ्तारी और मुकेश गंझू के सरेंडर करने के बाद, टीपीसी में सिर्फ तीन बड़े इनामी उग्रवादी बचे है। इनमें 25 लाख का इनामी ब्रजेश गंझू और 15 लाख का इनामी आक्रमण गंझू और 10 लाख का इनामी आरिफ उर्फ शशिकांत शामिल है। झारखंड पुलिस और एनआइए के रडार पर टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, आक्रमण गंझू भी है।
पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन के खिलाफ झारखंड पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इस दौरान जिदन गुड़िया, शनिचर सुरीन समेत कई इनामी उग्रवादी मारे गये हैं। सुप्रीमो दिनेश गोप समेत कई इनामी उग्रवादी गिरफ्तार हुए हैं। वर्तमान में पीएलएफआइ संगठन में सिर्फ एक बड़ा उग्रवादी 15 लाख का इनामी मार्टिन केरकेट्टा बचा हुआ है।
जेजेएमपी में बचे सिर्फ तीन बड़े उग्रवादी
जेजेएमपी उग्रवादी संगठन में सिर्फ तीन बड़े उग्रवादी बचे हैं। इनमें दस लाख का इनामी जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा, पांच लाख का इनामी लवलेश गंझू और पांच लाख का इनामी रविंद्र यादव शामिल है।