वाराणसी। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के चलते गंगा सहित सहायक नदियों में जलस्तर उफान पर है। जलस्तर में लगातार बढ़ाव को देख तटवर्ती क्षेत्र के नागरिकों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में बढ़ाव का रूख है। मंगलवार को सुबह आठ बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 66.46 मीटर दर्ज किया। गंगा में चार सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था। जौनपुर और फाफामउ में गंगा का जलस्तर स्थिर है। दोनों शहरों में सुबह आठ बजे तक जलस्तर 67.86 मीटर 78.55 मीटर दर्ज किया गया। इसी तरह मीरजापुर, गाजीपुर, बलिया में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। यहीं हाल प्रयागराज का भी है। प्रयागराज में सुबह आठ बजे तक 78.78 मीटर दर्ज किया गया। इसके पहले वाराणसी में गंगा में सोमवार को जलस्तर में छह सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही थी।
शाम के बाद रफ्तार चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा रही। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस के कार्यालय के समीप बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से लगभग सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। स्नानार्थियों को घाट पर नहाने के लिए जगह नहीं बची है। ऐसे में जिला प्रशासन ने समस्त आरती समितियों को घाट पर आरती न कराकर छतों या किसी ऊंचे स्थान पर भव्य की बजाय सांकेतिक आरती ही कराने को कहा है। शीतला घाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति, अहिल्याबाई घाट, मीरघाट, त्रिपुरा भैरवी घाट व ललिता घाट समेत दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि समेत तमाम समितियों के अध्यक्षों को गंगा आरती घाट की सीढ़ियों पर न कराकर समिति कार्यालय की छत या किसी अन्य ऊँचाई वाले स्थान पर कराने को कहा गया है।