पूर्वी सिंहभूम। झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रणेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर सोमवार को जमशेदपुर के अधिवक्ता समुदाय ने गहरा शोक प्रकट किया। इस अवसर पर जिला व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित न्यू बार बिल्डिंग में शोक सभा का आयोजन किया गया, जहां उपस्थित सभी वकीलों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।
शोकसभा में समाजवादी चिंतक सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि आदिवासियों की अस्मिता और झारखंड की आत्मा खामोश हो गई है। शिबू सोरेन ने झारखंड को सूदखोरों के शोषण से मुक्ति दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई और आदिवासी पहचान के पर्याय बनकर उभरे। उन्होंने झारखंड अलग राज्य आंदोलन को नई दिशा दी और उसकी परिणति अलग राज्य निर्माण में हुई।
पूर्व लोक अभियोजक अधिवक्ता पीएन गोप ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड के उन भूमि पुत्रों में से एक थे, जिन्होंने सदियों पुराने सपनों को साकार करने की राह दिखाई। गुरूजी के पुत्र हेमंत सोरेन बतौर मुख्यमंत्री उनके जल, जंगल और जमीन के अधिकारों को मूर्त रूप देने के कार्य में लगे हुए हैं।
इस शोक सभा में अधिवक्ता रतन चक्रवर्ती, टीएन ओझा, प्रीति ओझा, कोमल वर्मा, गणेश टुडू, रामजीत पांडेय, राज कुमार शर्मा, पवन कुमार, राजू सिंह, नरहरी आचार्य, चंदन भट्टाचार्य सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।