-अब तक 931 सुरक्षित, वैली ब्रिज निर्माण कार्य अंतिम चरण में
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में शनिवार को पांचवें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा। सुबह से दोपहर 11 बजे तक 202 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। अब तक 7 से 9 अगस्त तक कुल 931 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
आज दोपहर 11 बजे तक कुल 202 यात्री को रेस्क्यू किया गया है। शनिवार प्रातः 6 बजे से 10:30 बजे तक कुल 95 लोगों का हर्षिल से मातली और हर्षिल से चिन्यालीसौड़ 107 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
अब तक कुल 7 अगस्त से 09 अगस्त तक 931 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। 07 अगस्त को 372 और 08 अगस्त को 357 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। हर्षिल में अभी लगभग 250 लोगे फंसे हैं जिसमें 50 पर्यटक और 200 स्थनीय लोग हैं। इनको मातली/ जौलग्रांट लाने जाने की कार्यवाही की जा रही है। हर्षिल में रूके सभी लोगों के भोजन, आवास इत्यादि की व्यवस्था की गयी है।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूकाडा), सिविल उड़ान शटल विमानों का परिचालन सुबह सेे शुरू है। यूकाडा के हेलीकॉप्टरों की ओर से रिजर्वेशन बेड़े के साथ काम किया जा रहा है। आज मौसम खराब होने के कारण एयर लिफ्ट का कार्य बीच में बाधित रही।
रेस्क्यू अभियान को गति देने और रेस्क्यू अभियान के लिए जरूरी लॉजिस्टिकल सपोर्ट प्रदान करने के लिए 03 चीता हेलीकॉप्टर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर सुबह से तैनात हैं। चीनूक से दो जेनरेटर हर्षिल पहुंचाए गए हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में खोजबीन के लिए मौके पर डॉग 10 केनाइन डॉग की सेवाएं ली जा रही है। आर्मी का आज सुबह एक जीपीआर हर्षिल भेजा गया कुल-02 जीपीआर घटना स्थल पर हैं।
हर्षिल में माइक्रों हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना में विद्युत उत्पादन बहाल कर दिया गया है और पावर हाउस तक बिजली आ रही है। आस पास विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी है।
लिंचागाड़ में वाशआउट हुए पुल के स्थान पर वैली ब्रिज लांचिग का कार्य चल रहा है। सेना के जवान पूरी रात लिमचिगाढ़ में बैली ब्रिज बनाने के काम में जुटे रहे। आज सायं तक पूर्ण होने की संभावना है। इसके उपरान्त हर्षिल तक सड़क सुचारू होने की संभावना है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन रेस्क्यू अभियान की निगरानी कर रहे हैं। राहत और बचाव दलों की ओर से जो भी सहयोग की अपेक्षा की जा रही है, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से विभिन्न एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर अपेक्षित सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
सहस्त्रधारा हेलीपैड, जौलीग्रांट एयरपोर्ट, मातली, हर्षिल तथा चिन्यालीसौड़ में तैनात शासन तथा जिला प्रशासन के अधिकारी पल-पल की अपडेट राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को भेज रहे हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी और संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी व यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मौजूद हैं।