रांची: स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा है कि वर्ष 2018 से पलामू, हजारीबाग तथा दुमका में बन रहे मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो जायेगी। 2019 से देवघर के एम्स में भी पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना मेडिकल कॉलेजों में भवन निर्माण के साथ-साथ वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 2018 से पढ़ाई भी शुरू कर देने की है। इसके लिए एमसीआइ को मान्यता के लिए आवेदन भेज दिया गया है। उन्होंने लोगों के त्वरित इलाज सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र ही 108 एंबुलेंस सेवा शुरू करने, बुजुर्ग नागरिकों के इलाज के लिए जिलों में जेरेटिक केयर की सुविधा बढ़ाने, प्रत्येक जिला में डायलिसिस सेंटर, एमआरआइ, सिटी स्कैन की सुविधा बहाल करने का भरोसा दिलाया है। कहा कि एक हजार की आबादी पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था सरकार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों के बारे में रविवार को सूचना भवन में जानकारी दे रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लगभग चार दशक के बाद प्रदेश में एमबीबीएस की सीटों को 300 से बढ़ाकर दोगुना किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हर परिवार का स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है।
रिम्स में कैंसर का इलाज शुरू : बताया कि रिम्स में कैंसर का इलाज शुरू हो गया है। कैंसर के लिए 10 बेड की अंत: विभाग सेवा आरंभ हो चुकी है। इसके अलावा एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर के परिसर में 500 बेड वाले अस्पताल निर्माण के लिए 429 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है। धनबाद में पीएमसीएच को 150 करोड़ रुपये की लागत से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनाया जा रहा है। रांची सदर अस्पताल में 307.92 करोड़ की लागत पर राज्य योजना से 500 बेड का नया खंड निर्माणाधीन है, जिसमें 200 बेड के उपखंड को आरंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि 72 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा रिम्स में डेंटल कॉलेज की शुरुआत सत्र 2017-18 से करते हुए बीडीएस में 50 सीटों पर नामांकन किया गया है और रिम्स में पीजी की संख्या को 183 से बढ़ाकर 195 किया गया है।
शव वाहन के लिए कार्रवाई शुरू : चंद्रवंशी ने कहा कि 108 एंबुलेंस के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। हाइकोर्ट ने टेंडर में शामिल दोनों कंपनियों को फाइब्रिकेशन का काम देने का आदेश दिया है। उम्मीद है कि अगले माह या नवंबर तक एंबुलेंस का संचालन शुरू हो जायेगा। वहीं, सभी जिलों में शव वाहन के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। जब तक शव वाहन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती, तब तक सिविल सर्जनों को सभी असहाय परिजनों को उनकी आवश्यकता के अनुसार एंबुलेंस या शव वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

कुपोषण झारखंड की बड़ी समस्या

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सही है कि कुपोषण राज्य की बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए कुपोषण उपचार केंद्रों को सुदृढ़ किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ समन्वय कर कुपोषण से निपटने के प्रयास को तेज किया जायेगा। इसमें जन जागरूकता की भी जरूरत है।

शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को लेकर सरकार चिंतित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को लेकर सरकार चिंतित है। शिशु एवं माता के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थागत प्रसव की दर बढ़ी है। राज्य में वर्ष 2014 में संस्थागत प्रसव की दर 61.9 फीसद थी। वर्तमान में यह दर 78 फीसद पहुंच गयी है। इसी तरह वर्ष 2014 में 2.86 लाख गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क दवा मिली थी। पिछले साल राज्य सरकार ने 3.63 लाख महिलाओं को नि:शुल्क दवा दी। 3.05 लाख महिलाओं की नि:शुल्क जांच हुई।

177 डॉक्टरों की नियुक्ति की गयी  : चंद्रवंशी ने कहा कि  राज्य गठन से अब तक यहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं हुई थी। रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार बनते ही  स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति की गयी। 600 अन्य स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बहाली जेपीएससी से हो रही है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर सरकारी सेवा में रुकें, इसके लिए उन्हें नियुक्ति के साथ ही वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया। पूर्व से कार्यरत डॉक्टरों को प्रमोशन से लेकर अन्य वित्तीय लाभ मिला।

रिक्त पदों को भरने के लिए जल्द ही पूरी होगी प्रक्रिया: त्रिपाठी : स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि देश भर में एमबीबीएस की 67000 सीटें है, जबकि झारखंड की आबादी देश की तीन प्रतिशत है और उस अनुपात में यहां एमबीबीएस की 2000 सीटें होनी चाहिए, लेकिन यहां मात्र 300 सीटें ही हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों, विशेषज्ञों एवं स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है। पत्रकार वार्ता में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक रामलखन गुप्ता समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।

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