रांची: झारखंड के लिए शनिवार का दिन गौरवशाली रहा। मुख्यमंत्री रघुवर दास का अथक प्रयास रंग लाया। उप-राष्ट्रपति द्वारा ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी की नींव रखते ही मुख्यमंत्री रघुवर दास का चेहरा चमक उठा। एचइसी में शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश की पहली ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी की भूमिपूजन कर आधारशिला रखी। उन्होंने रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान, अर्बन सिविक टावर, कन्वेंशन सेंटर और अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर उप-राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी न्यू इंडिया की नींव है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना बनायी है। स्मार्ट सिटी में नागरिक के लिए सभी सुविधा हो। लोगों के लिए मकान, वाहन, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार सभी उपलब्ध हों। स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट लीडर होना चाहिए। लीडर सिर्फ एमपी, एमएलए का नहीं, जनता की भागीदारी का भी होना चाहिए।
स्मार्ट सिटी एक लाइट हाउस है : उप-राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी एक लाइट हाउस है। यह शहरों के विकास की प्रेरणा देगा। सभी चाहते हैं कि उनका शहर स्मार्ट बने। सिर्फ चाहने से स्मार्ट नहीं बनेगा, इसके लिए प्रयत्न करना पड़ेगा। सबकी भागीदारी से ही काम पूरा हो सकता है। सिर्फ सरकार के बूते सभी काम नहीं हो सकते। जनता को सरकार के हर काम में सहयोग और सुझाव देना होगा। सरकार को चाहिए कि वह जनता के सुझाव को सुने और उस पर काम करे। उप राष्ट्रपति ने कहा कि देश में 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे जल्द ही पूरा किया जायेगा। आज के वक्त में दुनिया तेजी से बढ़ रही है, तो फिर हम पीछे क्यों रहें। हमें भी देश को शक्तिशाली बनाने का प्रयास करना होगा। इसको सफल बनाने के लिए हम सभी को मिल कर काम करना होगा।
नक्सलियों में हिम्मत है, तो चुनाव लड़ेंनक्सलियों में हिम्मत है, तो चुनाव लड़ें
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हिंसा विकास में बाधक है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। कहा कि माओवादियों में दम है, हिम्मत है, तो अपने सिद्धांत को लेकर जनता के बीच जायें, जनता से वोट मांगें और सत्ता में आयें। हिम्मत है, तो चुनाव लडेÞं। उन्होंने कहा कि बंदूक से मत खेलो। बंदूक से खेलोगे, तो उसकी ही गोली से मारे जाओगे। लोकतंत्र में बैलेट की अहमियत है, बुलेट की नहीं। पुलिस और मिलिट्री के अलावा किसी को बंदूक छूने का अधिकार नहीं है। तरक्की के लिए शांति चाहिए। बंदूक दिखा कर लोगों को डरा कर विकास नहीं हो सकता। कहा कि झारखंड नक्सल से मुक्त हो जायेगा, तो झारखंड का विकास हो जायेगा।
माफियागिरी को बंद करना है
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि देश से माफिया को समाप्त करना होगा। कौन है माफिया, जब सब काम सरकार कर रही है, जनता काम में सरकार को सहयोग कर रही है, तो यह माफिया कहां से आ गया है। कहा कि भय और भक्ति दोनों कानून का होना चाहिए। विकास पर जनता का हक है, कोई माफिया इसमें नहीं आ सकता। माफियागिरी समाज को खोखला कर रही है। खास कर झारखंड जैसे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में माफिया गरीब जनता को गुमराह करते हैं। इसके लिए लोगों को शिक्षित होना पड़ेगा। जब तक हमारा समाज माफिया के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं करेगा, उसका हौसला पस्त नहीं होगा।
मानवाधिकार का दोरंगा चेहरा
वेंकैया ने कहा कि मानवाधिकार संगठन चलानेवालों का चेहरा भी दोरंगा है। जब नक्सली आम आदमी और पुलिस को मारता है, तो कोई आवाज नहीं उठती, लेकिन जब नक्सली मारा जाता है, तब मानवाधिकार हंगामा मचाता है। यह उचित नहीं है। किसी को भी हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती। आम आदमी और पुलिस के मारे जाने पर भी मानवाधिकार संगठन को आगे आना चाहिए। मानवाधिकार वाले सिर्फ माओवादियों के मारे जाने पर आवाज ना उठायें, बल्कि पुलिसकर्मी के शहीद होने पर भी अपनी आवाज बुलंद करें। हिंसा करनेवालों को प्रोत्साहन नहीं मिलना चाहिए।