रांची। सोमवार को राजधानी रांची में हुई दिशा की बैठक में नगर विकास और परिवहन मंत्री मंत्री सीपी सिंह गरजे। खूब गरजे। पुलिस की ऐसी बखिया उधेड़ी कि अफसर पानी-पानी हो गये। पुलिस को उन्होंने वसूली के लिए लोगों को परेशान करनेवाला बताया, तो नगर निगम के अफसरों को आरामतलब। कहा-क्या कोई इन्वेस्टर आयेगा यहां, गंदगी से भिनभिना रही है राजधानी। कैसे होगा यहां अपराध पर नियंत्रण। कैसे पकड़े जायेंगे अपराधी। रांची पुलिस सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि वसूली के लिए सड़कों पर खड़ी रहती है। दिखावे के लिए जगह-जगह पुलिस सहायता केंद्र बनाये गये हैं। उसका नाम बदल कर अब पुलिस वसूली केंद्र रख देना चाहिए। बाहर की कोई गाड़ी रांची में आयी नहीं कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उस पर टूट पड़ते हैं। बगैर पैसा ऐंठे उसे जाने नहीं देते। कैसे होगा अपराध पर नियंत्रण। कैसे पकड़े जायेंगे अपराधी।
‘दिशा’ की बैठक में लगातार 20 मिनट तक सीपी सिंह बोलते रह गये। यह बैठक पूरी तरह से सीपी सिंह के नाम रही। बैठक में केंद्रीय योजनाओं के अनुपालन और पिछली बैठक के प्रतिवेदन पर चर्चा होनी थी। लेकिन सीपी सिंह ने एक्शन के साथ राजधानी की पुलिस, विधि व्यवस्था और ट्रैफिक में हो रही धांधली पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां हम लोगों को इतनी मोटी-मोटी फाइल दे दी गयी है, इससे क्या होगा? ऐसी बैठक आपलोग करते रहिए, क्या हो जायेगा इससे।
मुख्यमंत्री आवास के सामने हत्या मामले में अब तक की गयी कार्रवाई को उन्होंने ढकोसला बता दिया है। नाराजगी जताते हुए कहा कि आसपास के जिलों से बाइक या कार में आनेवालों से चेकिंग के नाम पर पैसा वसूला जाता है। किसी थाना में आम आदमी की एफआइआर दर्ज नहीं होती। पुलिस को कहीं जाने के लिए पब्लिक से गाड़ी चाहिए।
नगर आयुक्त पर भी कसा तंज : सीपी सिंह ने रांची के नगर आयुक्त को भी निशाने पर लिया। कहा कि मैंने छह बार नगर निगम के टोल फ्री में फोन किया। किसी ने नहीं उठाया। ऐसे टोल फ्री नंबर से जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। फिर बोले, प्रधानमंत्री आवास योजना का तो और बुरा हाल है। चाहे जितना भी ढिंढोरा पीट लें। आवास बनने के बाद तीन महीने तक भी पेमेंट क्यों नहीं होता। नगर निगम के अधिकारी पैसा के चक्कर में ऐसा करते हैं।
राज्य के अफसर हो गये हैं लापरवाह : इतने में भी सीपी सिंह का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकारी पदाधिकारी जरा भी जवाबदेह नहीं हैं। पिछले दिनों डीसी के साथ हम लोगों की बैठक हुई। लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ। राजभवन की चाहरदीवारी के पास नागा बाबा खटाल के पास टेंपू रहता है। पुलिस किसी को जाने नहीं देती। वहां ट्रैफिकवाले वसूली करते रहते हैं। मेरा ही विभाग है। इतनी गंदगी है। राजभवन की दीवार पर लोग पेशाब करते हंै। हम ढिंढोरा पीट रहे हैं कि राजधानी को हमने स्वच्छ कर दिया। हमारा विभाग है, तो क्या हम भी झूठ बोल दें कि पूरे देश में रांची आगे हो गयी।
कई उदाहरण भी गिनाये सीपी ने : मंत्री सीपी सिंह ने कई उदाहरण गिनाये। उन्होंने कहा कि एक लड़की किडनैप हो गयी। रांची क्षेत्र से ले गया। बीआइटी ले गया। नौ दिन तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। सिस्टम चौपट है। मुझे किसी का डर नहीं। मुख्यमंत्री आवास के सामने हत्या हो गयी, तो थानेदार पर कार्रवाई हो गयी। पुलिसवाले खुद हेलमेट नहीं लगाते। किस नियम से पुलिसवालों को बिना हेलमेट ट्रिपल राइड का अधिकार है? गुमला के बाइकवाले को ऐसा दौड़ा कर पकड़ लेते हैं, जैसे कोई अपराधी हो। यहां उद्देश्य हेलमेट नहीं, पैसा वसूलना है।
रामटहल ने शांत कराने की कोशिश की, नहीं माने : सांसद रामटहल चौधरी ने सीपी सिंह को शांत कराने की कोशिश की। कहा कि बैठक में ही हल निकलेगा। पर वे नहीं माने। दोबारा माइक लेकर बोलने लगे। कहा- रांची नगर निगम में सफाई पर कंपीटिशन चल रहा था। कंपीटिशन खत्म, सफाई खत्म।