नई दिल्ली: भारत का पहला हवा से हवा में मार करने वाला (बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टु एयर मिसाइल) अस्त्र मिसाइल वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। डीआरडीओ को उम्मीद है कि वायु सेना शुरुआत में अपने सुखोई-30एमकेआई जेट के लिए कम से कम 200 मिसाइल का ऑर्डर देगी। इस मिसाइल को विकसित करने में 15 साल लगे हैं। डीआरडीओ इसकी मारक क्षमता 110 से 160 करने की दिशा में प्रयासरत है। वहीं, डीआरडीओ चीफ डॉ.जी सतीश रेड्डी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘अस्त्र आज के समय में दुनिया के सबसे बेहतरीन BVRAAM मिसाइल में से एक है। हमारे पास योग्यता है कि हम इसकी मारक क्षमता बढ़ा सकते हैं।’

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