राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक युवक को गोधरा (गुजरात) से गिरफ्तार किया है। इस युवक पर भारतीय नौसेना की जहाजों और पनडुब्बियों की आवाजाही और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों की लोकेशन के बारे में संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी इकट्ठा कर उसे पाकिस्तान भेजने का आरोप है। छापेमारी में आरोपी के घर से जासूसी से जुड़े कुछ डिजिटल उपकरण और कई अवैध दस्तावेज बरामद हुए हैं।

एनआईए प्रवक्ता सोनिया नारंग के अनुसार आरोपी जासूस की पहचान गिटेली इमरान (37) के रूप में हुई है और यह मूल रूप से गोधरा गुजरात का रहने वाला है। इमरान को सोमवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (यूएपीएए), 2019 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए), 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने और जासूसी में लिप्त होने का आरोप है।

जांच एजेंसी के अनुसार यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट से संबंधित है, जिसमें पाकिस्तान स्थित जासूसों ने भारतीय नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के स्थानों और उनकी गतिविधियों के बारे में संवेदनशील व वर्गीकृत जानकारी एकत्रित करने के लिए भारत में जासूसों की भर्ती की है। इन एजेंटों का काम भारतीय नौसेना जहाजों और पनडुब्बियों की आवाजाही और अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों की लोकेशन के बारे में जानकारी एकत्रित कर उसे पाकिस्तान देना होता है।

एनआईए प्रवक्ता सोनिया नारंग ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया, “जांच में पता चला है कि कुछ नौसेना के जवान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में आए थे। उन्होंने इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के भारतीय सहयोगियों के माध्यम से अपने बैंक खातों में जमा पैसे के बदले में वर्गीकृत जानकारी साझा की थी। पाक खुफिया एजेंसी के भारतीय सहयोगियों के पाकिस्तान में अपने व्यावसायिक हित जुड़े हुए हैं।”
उन्होंने बताया, “जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी गितेली इमरान सीमा पार कपड़ा व्यापार की आड़ में पाकिस्तानी आकाओं और आईएसआई एजेंटों से जुड़ा हुआ था। पाकिस्तान के निर्देश के अनुसार, उसने संवेदनशील और वर्गीकृत डेटा के बदले नियमित रूप से थोड़े-थोड़े अंतराल में भारतीय नौसेना के कर्मियों के बैंक खातों में आईएसआई के द्वारा मिले रुपये को जमा कराए हैं।”

उल्लेखनीय है कि इस रैकेट का खुलासा पिछले वर्ष दिसम्बर में एनआईए ने किया था। उस समय खुफिया जानकारी के आधार पर बताया गया था कि नौसेना के अधिकारी, जो ज्यादातर निचली रैंक के थे, उन्हें पाकिस्तानी जासूसों के माध्यम से भुगतान किया गया है। उसके बाद इस मामले में एनआईए ने इसी साल 15 जून को 11 नौसेना अधिकारियों सहित 14 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।

एनआईए के अनुसार जासूसी के इस मामले में गिटाली इमरान की 15वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले जो अन्य आरोपी इस मामले में पकड़े गए हैं, उनके घर से कुछ डिजिटल उपकरण और जासूसी से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं। आगे की जांच जांरी है।

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