रांची।
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा है कि पार्टी के 1906 के कलकत्ता अधिवेशन से शुरू हुई स्वराज की लहर ने देश को एक सूत्र में पिरो दिया। हर बांटने वाली ताकत का एक ही उपाय है- देश प्रेम ,एकजुटता और भाईचारा । पूरा देश ब्रिटिश हुकूमत के कट्टरता और विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा था। उरांव शनिवार को राष्ट्र निर्माण की अपनी महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की सातवीं वीडियो को सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट को शेयर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान बोल रहे थे। उरांव ने कहा कि 1906 के कोलकाता अधिवेशन में शुरू हुई स्वराज्य की लहर पूरे देश में फैल रही थी । जन सहयोग से कांग्रेस इस लहर की अगुवाई कर रही थी। 1907 के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस की एक खासियत नजर आई जहां उसने अलग अलग मतों को साथ लेते हुए भारत माता की आजादी की एकमात्र उद्देश्य की दिशा में मजबूती के साथ कदम बढ़ाये। महान शख्सियत रास बिहारी बोस की अध्यक्षता मे 1908 के मद्रास अधिवेशन में कांग्रेस ने बंगाल विभाजन को निरस्त किए जाने और बंगाली अस्मिता को एकजुट रखने, भारतीय सैनिकों को आर्मी के उच्च पदों पर नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव पारित किया। अकाल संकट के बाद लगातार बढ़ती महंगाई पर भी कांग्रेस ने विरोध का रुख अपनाया। इसी अधिवेशन में कांग्रेस ने प्राथमिक शिक्षा पूरी करने की बात भी उठाई । मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में 1909 की लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने अंग्रेजों की एक और विभाजन कारी चाल को मात दी ,धर्म के आधार पर अलग निर्वाचन के गठन को अस्वीकार कर दिया। अंग्रेजी हुकूमत देश को बांटने के लिए हर हथकंडा अपना रही थी लेकिन आज ही की तरह कांग्रेस देश को एकजुट रख रही थी। इसी अधिवेशन में भूपेंद्र नाथ बोस और सुरेंद्रनाथ बनर्जी को ब्रिटिश हुकूमत की विभाजन कारी एजेंडे को दुनिया के सामने लाने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। उरांव ने कहा कि अफ्रीकी देशों में भारतीय मजदूरों को यात्रा पूर्ण जीवन दिया जाता था। 1910 के इलाहाबाद अधिवेशन में कांग्रेस ने अंग्रेजों की इस गेम इंडिया प्रणाली का विरोध करते हुए भारतीय मजदूरों को अफ्रीका ना भेजने की बात कही। कांग्रेस लगातार भारतीय हितों की रक्षा करने और देश की जनता का भरोसा हासिल करने में कामयाब हो रही थी, क्योंकि कांग्रेस के उद्देश्य में, विचारों में ,लक्ष्यों में, कार्य प्रणाली में भारत की हित ही सर्वोपरि रही है, यही क्रम आज तक जारी है। आरटीई को ही देख लीजिए यह भले ही 2009 में आया, लेकिन इसकी नींव आप लगभग 100 साल पहले 1908 के अधिवेशन में देख सकते हैं। इसलिए हम भारत भूमि के हितों से कभी कदम पीछे नहीं खींचेंगे स्थितियां चाहे जो भी हों।
कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस के 1885 स्थापना काल से लेकर आजादी के संघर्ष में योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। देश की एकता ,अखंडता ,सहिष्णुता अक्षुण्णता बनाए रखने के लिए जिस प्रकार अंग्रेजों के हर हथकंडे को कांग्रेस ने नेस्तनाबूद किया था आज भी देश की एकता और अखंडता के लिए कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता वचनबद्ध है कटिबद्ध है।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश को बर्बादी के रास्ते पर खड़ा कर दिया और उनकी गलत नीतियों के कारण हम हर मोर्चे पर कमजोर साबित हो रहे हैं। देश आज मोदी निर्मित तबाही के चपेट में है। जीडीपी 24 फ़ीसदी की ऐतिहासिक गिरावट के साथ पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के लोग झूठ की उपलब्धियां जनता के सामने रख रही है जिसका वक्त आने पर जनता माकूल जवाब देगी। झारखंड सरकार में कांग्रेस के मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अमूल्य नीरज खलखो, निरंजन पासवान,सुखेर भगत बेलस तिर्की, सन्नी टोप्पो, सतीश पाल मुंजीनि, केदार पासवान, परवेज आलम आदि ने भी धरोहर वीडियो पोस्ट किया।