अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के गठन पर फारुख अब्दुल्ला का एक विवादित बयान सामने आया है. फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि तालिबान इस्लामिक उसूलों के आधार पर अच्छी तरह से सरकार चलाएगा. बड़ी बात ये है कि धर्मनिरपेक्ष देशों के नेता फारुख अब्दुल्ला इस्लामिक उसूलों के सरकार की तरफदारी कर रहे हैं.

 

मीडिया से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य डॉ फारुख अब्दुल्ला ने कहा, “अफगानिस्तान एक अलग मुल्क है. उन्हें अब मुल्क को संभालना है. मैं यही उम्मीद करुंगा कि वे हरएक के साथ इंसाफ करेंगे और एक अच्छी हुकुमत चलाएंगे. इस्लामिक उसूलों पर एक अच्छी सरकार चलाएंगे. उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि हर मुल्क के साथ अच्छे संबंध बनाएं.”

 

तालिबान नेता मुल्ला हसन अखुंद नई अफगान सरकार का नेतृत्व करेगा
तालिबान ने मंगलवार को घोषणा की कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान की नई सरकार का नेता होगा. यह फैसला राजधानी काबुल समेत अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर चरमपंथी इस्लामी समूह के कब्जे के दो सप्ताह बाद आया है. अखुंद इस समय तालिबान के निर्णय लेने वाले शक्तिशाली निकाय रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद का प्रमुख है. वह तालिबान के जन्मस्थान कंधार से ताल्लुक रखता है और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से एक है.

 

तालिबान के धार्मिक नेता मुल्ला हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अफगानिस्तान के नए मंत्रिमंडल की घोषणा के कुछ घंटे बाद एक बयान जारी कर कहा कि नया मंत्रिमंडल तुरंत अपना काम शुरू कर देगा. अखुंदजादा ने कहा, ‘इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों द्वारा देश के मामलों को नियंत्रित करने और चलाने के लिए एक कार्यवाहक और प्रतिबद्ध कैबिनेट की घोषणा की गई है, जो जल्द से जल्द काम करना शुरू कर देगा. मैं सभी देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार इस्लामी नियमों को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करेगी और देश में शरिया कानून, देश के सर्वोच्च हितों की रक्षा करना, अफगानिस्तान की सीमाओं को सुरक्षित करना और स्थायी शांति, समृद्धि और विकास सुनिश्चित करना मुकम्मल करेंगे.’

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