नई दिल्‍ली। बाजार मूल्‍याकंन के हिसाब से देश की सबसे बड़ी लिस्‍टेड फास्‍ट-मूविंग कंज्‍यूमर गुड्स कंपनी FMCG) हिन्‍दुस्‍तान यूनीलिवर लिमिटेड Hindustan Unilever Ltd) ने कच्‍चे माल की लागत में हुई वृद्धि का भार उपभोक्‍ताओं पर डालने के लिए अगस्‍त में अपने डिटर्जेंट्स की कीमत में 3.5 प्रतिशत से लेकर 11 प्रतिशत तक की बड़ी बढ़ोतरी की है। Informist ने कई व्‍यापारिक सूत्रों के हवाल से यह खबर दी है।

कुछ एफएमसीजी स्‍टॉकिस्‍ट और डीलर्स ने बताया कि अधिकांश डिटर्जेंट वैरायटी की कीमत में वृद्धि की गई है, लेकिन सबसे ज्‍यादा मूल्‍यवृद्धि हाई-एंड कैटेगरी सर्फ एक्‍सेल में की गई है। उन्‍होंने बताया कि पिछले महीने, एचयूएल ने सर्फ एक्‍सेल ईजी वॉश 3किग्रा पैक की कीमत 10 प्रतिशत बढ़ाकर 330 रुपये कर दी और इसके एक किग्रा पैक की कीमत 9 प्रतिशत बढ़ाकर 109 रुपये कर दी। इसी प्रकार सर्फ एक्‍सेल क्विक वॉश 1 किग्रा पैक की कीमत 11 प्रतिशत बए़कर 200 रुपये हो गई है।

रिन डिटर्जेंट पावडर के 1 किग्रा पैक की कीमत 8 प्रतिशत बढ़ाकर कंपनी ने 70 रुपये कर दी है, जबकि व्‍हील के 1 किग्रा पैक की कीमत 3.5 प्रतिशत बढ़ाकर 57 रुपये कर दी गई है। 50 ग्राम का सर्फ एक्‍सेल बार की कीमत अब 30 रुपये है, जो कि पहले 29 रुपये थी। विम बार 300 ग्राम की नई कीमत अब 22 रुपये है, जो पहले 20 रुपये में उपलब्‍ध था।

ब्रोकरेज हाउस एक्सिस कैपिटल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अगस्‍त में एचयूएल द्वारा अपने डिटर्जेंट उत्‍पादों में मूल्‍यवृद्धि का निर्णय पिछले कुछ महीनों में कीमत वृद्धि के कई चरणों के बाद लिया गया है। कुछ चुनिंदा एफएमसीजी श्रेणियों जैसे साबुन, डिटर्जेंट और हेयर ऑयल में निरंतर मूल्‍यवृद्धि देखी जा रही है।

एक अन्‍य डिटर्जेंट निर्माता ज्‍योति लैब ने कुछ बाजारों में कीमत बढ़ाई है। कंपनी ने ग्रामीण इलाकों में बेचे जाने वाले सस्‍ते डिटर्जेंट की कीमतों में भी वृद्धि की है। कंपनी के ज्‍वॉइंट मैनेजिंग डायरेक्‍टर उल्‍लास कामथ ने कहा कि कहा कि ज्‍योति लैब्‍स को लागत में वृद्धि होने से ऑपरेटिंग मार्जिन में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

मुंबई के एक थोक एफएमसीजी डीलर ने कहा कि शहरी बाजारों में अधिकांश कंपनियों ने डिटर्जेंट की कीमत में 2 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। रोसारी बायोटेक के एग्‍जीक्‍यूटिव चेयरमैन एडवर्ड मेनेजेस ने कहा कि कंपनियों के पास कीमत बढ़ाने के अलावा अन्‍य कोई विकल्‍प नहीं है क्‍योंकि कच्‍चे माल की खरीद महंगी हो गई है और लॉजिस्टिक कॉस्‍ट भी बढ़ चुकी है। रोसारी बायोटेक एक्रीलिक एसिड-बेस्‍ड केमीकल्‍स का निर्माण करती है, जिनका उपयोग डिटर्जेंट बनाने में होता है।

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