रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने रूपा तिर्की हत्याकांड में हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई जांच के आदेश का स्वागत करते हुए झारखंड सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने बुधवार को प्रेसवार्ता में कहा कि 18 महीने की सरकार में 2800 महिलाओं के साथ दुष्कर्म का आंकड़ा डराने वाला है। राज्य में महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है लेकिन दु:खद है कि यह सरकार महिलाओं पर हो रहे दुष्कर्म के मामलों पर भी पर्दा डालने का कार्य कर रही है। रूपा तिर्की की संदिग्ध हत्याकांड में भी आरोपियों को सरकार ने बचाने का पुरजोर प्रयास किया।

तीन मई की हत्या के दिन से ही भाजपा लगातार विशेष मेडिकल समिति बनाकर पोस्टमार्टम, सीबीआई जांच की मांग कर रही थी। रूपा तिर्की हत्यकांड मामले में भाजपा ने राज्यपाल भवन से लेकर सड़क तक आंदोलन किया। दीपक प्रकाश ने कहा कि रूपा तिर्की हत्याकांड में भाजपा कोर्ट में इंटरभेनर भी बनी। सीबीआई जांच के बाद कई रहस्य खुलेंगे। सीबीआई जांच के बाद परिजनों को न्याय मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इस मामले में हद तो तब हो गयी जब उल्टा रूपा तिर्की के चरित्र पर ही सवाल खड़े किए गये, मामले को प्रेम प्रसंग के रूप में जोड़ते हुए रफा दफा करने की नाकाम कोशिश की गयी। रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को ही हत्या का आरोपी बना दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता संदेह के घेरे में हैं। वे सीबीआई जांच नहीं हो इसका भी प्रयास किया है।

दीपक प्रकाश ने कोर्ट द्वारा अवमानना की नोटिस का भी स्वागत किया। डीवीसी मामले में वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार इस मामले में जनता को गुमराह कर रही है। इस सरकार का ना तो प्रशासनिक प्रबंधन सही है और न वित्तीय प्रबंधन। सरकार में नियति, निर्णय और नेतृत्व का घोर अभाव है।

उन्होंने कहा कि डीवीसी द्वारा राज्य सरकार से बिजली बकाये के बदले कटौती किये जाने पर सरकार ने जनता को दिग्भ्रमित करने का कार्य किया। दीपक प्रकाश ने एचइसी का बिजली काटे जाने पर सरकार की निंदा की और कहा कि सरकार ने डिफेंस के हथियारों को तैयार करने वाली एचइसी का भी बिजली काटकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। सैन्यकर्मियों का हाथ मजबूत करने के लिए एचइसी में कार्य होता रहा है। एचईसी के अस्पताल की बिजली काटकर मरीजों को भी कष्ट दिया गया। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए यह सरकार आम जनता, मरीज किसी को भी नहीं छोड़ती।

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