आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयासों से राज्य के आदिवासी छात्रों का विदेश में शिक्षा लेने का सपना अब साकार होने के कगार पर है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना इसमें सहायक बनेगी। इस योजना के तहत राज्य की अनुसूचित जनजाति के छह छात्रों का चयन विदेश में पढ़ाई के लिए हुआ है। ये सभी इंग्लैंड और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगे। गुरुवार 23 सितंबर को रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री चंपई सोरेन इन छात्रों एवं उनके माता-पिता को सम्मानित करेंगे।
मील का पत्थर साबित होगी यह योजना : हेमेत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना को झारखंड के लिए मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे विद्वान, अगुआ, हमारे आदरणीय मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी की याद में हमारी सरकार ने इस योजना को प्रारंभ किया है। यह देश की पहली ऐसी योजना है और झारखंड देश का पहला राज्य है, जो आदिवासी समाज के छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दे रहा है। हमें उम्मीद है कि आनेवाले दिनों में अन्य छात्रों को भी इनसे प्रेरणा मिलेगी और आदिवासी समाज के युवा विश्व पटल पर हमारी संस्कृति, संस्कार और हमारे समाज का प्रतिनिधित्व करेंगे और देश सहित राज्य का नाम रोशन करेंगे।