रांची। देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी एक गंभीर समस्या का रूप लेती जा रही है। इसके लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। एनसीआरबी 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में पिछले एक साल के दौरान कर्ज, बेरोजगारी और गरीबी से परेशान होकर 177 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इनमें बेरोजगारी के कारण 81, गरीबी के कारण 72 और दिवालियापन और कर्ज में डूबे 24 लोगों ने आत्महत्या की हैं।
एक साल में 1825 लोगों ने की आत्महत्या
झारखंड में साल 2021 में 1825 लोगों ने आत्महत्या की है। यानी हर दिन औसत पांच लोग झारखंड में अलग-अलग कारणों से आत्महत्या कर रहे हैं। इनमें 1358 पुरुष और 467 महिलाएं शामिल हैं। औरतों से दोगुनी संख्या में पुरुष आत्महत्या कर रहे हैं। फांसी लगा कर, पानी में डूब कर, नींद की दवा खाकर और जहरीला पदार्थ खाकर लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
इन कारणों से लोग कर रहे आत्महत्या
एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार झारखंड में साल 2021 में 1825 लोगों ने आत्महत्या की है, जिनमें शादी से संबंधित प्रॉब्लम को लेकर 240, शादी के बाद लड़ाई झगड़ा के कारण 60, दहेज को लेकर 43, शादी के बाद अवैध संबंध को लेकर 90, शादी के बाद तलाक को लेकर 47, बांझपन और नपुंसकता की वजह से 15, परीक्षा में फेल होने पर 168, परिवारिक कलह होने पर 173 लोगों ने आत्महत्या की है।
बीमारी और नशे की लत के कारण 569 लोगों ने की आत्महत्या
वहीं झारखंड में बीमारी, मानसिक बीमारी और नशे की लत के कारण 569 लोगों ने आत्महत्या की है। इसके अलावा सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने पर 37, प्रेम प्रसंग में 460, संपत्ति विवाद में 63, भविष्य की चिंता को लेकर 64, हाउस वाइफ 162, प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करनेवाले 201 और सरकारी नौकरी करने वाले नौ लोगों ने आत्महत्या की है।