कोटा। सितंबर माह में कोई प्रवेश परीक्षा नहीं हुई, न ही कोई रिजल्ट घोषित हुआ। इसके बावजूद कोचिंग के विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीती रात कोटा में रहकर नीट की कोचिंग कर रही एक और कोचिंग छात्रा झारखंड के रांची निवासी रिचा सिन्हा (16) ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।

कोटा के विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स के हॉस्टल के जिस कमरे में यह छात्रा रहती थी, वहां उसकी एक और अन्य छात्रा भी रूम पार्टनर थी। करीब साढ़े नौ बजे जब इस रूम पार्टनर छात्रा के पिता का फोन आया तो वह फोन पर बात करती हुई कमरे के बाहर की बालकनी में चली गई। अचानक रिचा ने बालकनी का अन्दर से दरवाजा लगा दिया और फंदे से लटक गई।

दूसरी छात्रा के शोर मचाने और हॉस्टल वार्डन को फोन पर सूचना देने के बाद हॉस्टल वार्डन व अन्य लोग कमरे में पहुंचे और दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया तो छात्रा पंखे के फंदे से लटकी हुई मिली। उसे तत्काल नीचे उतार कोटा में तलवंडी के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर विज्ञान नगर पुलिस ने शव को बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

रांची निवासी रिचा सिन्हा पिछले मई माह में नीट की तैयारी के लिए कोटा आई थी और तब से इसी हॉस्टल में रह रही थी।

इस माह कोटा में कोचिंग छात्रा के आत्महत्या की यह पहली घटना है जबकि अगस्त में कोटा में सात कोचिंग छात्रों ने आत्महत्याएं की थीं। इस वर्ष कोटा में सर्वाधिक 24 कोचिंग विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर अभिभावकों व जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सख्त निर्देशों के बाद जिला प्रशासन द्वारा अगस्त माह में कोचिंग संस्थानों, हॉस्टल, मैस प्रबंधकों की बैठक बुलाकर एक बार फिर कोचिंग छात्रों को तनावमुक्त रखने की हिदायतें दी गईं लेकिन इन हिदायतों का पहले की तरह इस बार भी कोई असर हुआ हो, ऐसा नजर नहीं आ रहा है।

बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा प्रवास पर हैं, ऐसे में कोटा में एक और कोचिंग छात्रा के आत्महत्या करने की घटना से जिला प्रशासन पर स्वाभाविक रूप से दबाव बना है।

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