-अक्टूबर महीने तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना
पटना। राज्य में बढ़ रहे डेंगू के मरीजों को देखते हुए पटना के उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया ने शनिवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में डेंगू पर नियंत्रण के लिए अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। विशेषज्ञों ने कहा कि इस वर्ष डेंगू के मामले में जो वृद्धि हो रही है उससे पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ट्रेंड के बारे में एक्सपर्ट्स ने बताया कि 2019 में भी इसी तरह डेंगू के मामले बढ़ रहे थे लेकिन इस वर्ष डेंगू से पीड़ित मरीजों में रिकॉवरी रेट अच्छा है। कम ही मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ रही है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार से कम होने या रक्तस्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए लोगों को घबराने की एकदम आवश्यकता नहीं है।
निजी अस्पतालों के चिकित्सकों ने बताया कि उनके यहां पर्याप्त मात्रा में बेड की उपलब्धता है। आईसोलेटेड वार्ड भी बनाया गया है। लगभग 10 प्रतिशत बेड डेंगू मरीजों के लिए उपयोग हो रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा रहा है। किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि अक्टूबर महीने तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना है। इसके पश्चात स्थिति में सुधार आएगा।
उप विकास आयुक्त सुल्तानिया ने कहा कि जिले में ब्लड बैंक अलर्ट पर हैं। प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है। मरीजों को कोई असुविधा नहीं होगी। डेंगू संक्रमण के प्रबंधन में प्लेटलेट्स की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक कोषांग का गठन किया गया है। साथ ही प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के निदेशक/अधीक्षक एवं नामित नोडल पदाधिकारियों से समन्वय के लिए दंडाधिकारियों को तैनात किया जा रहा है।
उप विकास आयुक्त ने बताया कि अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं। पीएमसीएच में 14 रोगी भर्ती हैं तथा 34 बेड उपलब्ध है। एनएमसीएच में 07 मरीज भर्ती है तथा 30 बेड उपलब्ध है। जरूरत के अनुसार अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जाएगी। डेंगू के नियंत्रण में निजी अस्पतालों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। कोरोना नियंत्रण में सभी अस्पतालों ने अच्छा काम किया है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए भी हम सभी सजग एवं प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में राज्य सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. रंजीत कुमार, पटना के सिविल सर्जन डॉ. श्रवण कुमार, महावीर कैंसर संस्थान, पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, मेदान्ता, राजेश्वर हॉस्पिटल, उदयन हॉस्पिटल, सॉईं हॉस्पिटल, मेडिवर्सल, रूबन एवं अन्य संस्थानों के अधीक्षक/प्रतिनिधि, जिला वेक्टर-जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद, डीपीएम स्वास्थ्य डॉ. विवेक कुमार सिंह, आईडीएसपी पदाधिकारी प्रशांत कुमार एवं अन्य भी उपस्थित थे।