Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, June 18
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»घटती आदिवासियों की संख्या अलार्मिंग सिचुएशन: बाबूलाल
    Top Story

    घटती आदिवासियों की संख्या अलार्मिंग सिचुएशन: बाबूलाल

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 12, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    -भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जामताड़ा में चिंता जाहिर की
    -कहा, आवाज ही उठा सकते हैं विधायक, विकास का काम तो सरकार को ही करना है
    आजाद सिपाही संवाददाता
    जामताड़ा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि आदिवासियों की घटती संख्या अलार्मिंग सिचुएशन है। पहाड़िया जनजातियों की मौत और घटती आदिवासियों की जनसंख्या पर चिंता जाहिर करते हुए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर जम कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विधायक केवल आवाज उठा सकते हैं। विकास का काम तो सरकार को करना है। बाबूलाल गुरुवार को भाजपा एसटी मोर्चा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जामताड़ा पहुंचे थे।

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों की जनसंख्या लगातार घट रही है ये सरकार के लिए चिंता होनी चाहिए। करमाटांड में पहाड़िया जनजाति के आठ लोगों की मौत पर उन्होंने कहा कि यहां जान बचाना मुश्किल है, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आदिवासियों की आबादी घट रही है, इसके लिए तत्काल हर सेवा में, हर क्षेत्र में उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। आज भी कई जगहों पर दूसरे समुदाय के लोग आदिवासी से शादी कर जिला परिषद, मुखिया आदि पद ले चुके हैं, लेकिन आदिवासी आज भी छले जा रहे हैं।

    हेमंत सोरेन जेल से निकल कर अपराधी की भाषा बोल रहे:
    बाबूलाल ने सोशल मीडिया के जरिये भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि हेमंत सोरेन किसी जन आंदोलन में नहीं, भ्रष्टाचार में जेल गये थे। वहां से लौटे तो अपराधियों की भाषा बोलने लगे। जेल से लौटते ही उन्होंने आदिवासी अस्मिता को तार-तार करने वाले कदम उठाये। सत्ता के बिना बर्दाश्त नहीं हुआ तो चंपाई सोरेन को हटा दिये। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन खुद को और अपनी पत्नी को आदिवासियों में सबसे अधिक प्रतिभावान समझते हैं। चुनावी साल में मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने की जुगत में लगे हेमंत सिर्फ अपनी और परिवार की सोच रहे हैं, जबकि झारखंड का आदिवासी समाज बेहाल, बदहाल है।

    सरकार के पास पांच साल में बताने को पांच काम नहीं:
    बाबूलाल ने कहा कि झारखंड की जनता पांच साल से उस गिद्ध शासन में कैद है, जहां मुख्यमंत्री आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहा है। झारखंड की संपदा लूटने में व्यस्त हेमंत सोरेन का पूरा चरित्र भ्रष्टाचार का लबादा ओढे हुए हैं। आदिवासियों को हक अधिकार दिलाने के उद्देश्य से झारखंड राज्य की स्थापना हुई, हेमंत सोरेन के कार्यकाल में वो सब कुछ छीना गया। बांगलादेशी घुसपैठियों को सिर पर बिठाने वाले हेमंत सोरेन को बाकी दुनिया गिद्ध दिख रही है, जबकि असलियत है कि झारखंडी अस्मिता को तार तार कर चुके हेमंत सोरेन की सरकार भ्रष्टाचार में गले तक डूबी हुई है। युवाओं का भविष्य रसातल में चला गया है और जनता का वर्तमान दलदल में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि झारखंड की आदिवासी जनता इलाज के अभाव में मर रही है। नौकरी के लिए दौड़ लगा रहे युवा दम तोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास एक मुद्दा नहीं है, जिसके बूते वे वोट मांग सकें। पांच साल में उनके पास बताने को पांच काम नहीं हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबीजेपी के नेता झारखंड की जितनी यात्रा कर लें, चुनाव में जनता उनकी अंतिम यात्रा निकालने वाली है : सुप्रियो भट्टाचार्य
    Next Article एसीबी रेड: शैलेश के ठिकानों से 22 लाख नगद सहित कई जमीन के डीड बरामद
    shivam kumar

      Related Posts

      फ्लाईओवर का नामकरण मदरा मुंडा के नाम पर करने की मांग

      June 18, 2025

      पूर्व पार्षद सलाउद्दीन को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

      June 18, 2025

      झारखंड मंत्रिपरिषद् की बैठक 20 को

      June 18, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • फ्लाईओवर का नामकरण मदरा मुंडा के नाम पर करने की मांग
      • पूर्व पार्षद सलाउद्दीन को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
      • झारखंड मंत्रिपरिषद् की बैठक 20 को
      • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ प्रशिक्षु अधिकारियों की शिष्टाचार भेंट
      • हिमाचल के लिए केंद्र से 2006 करोड़ रुपये की मंजूरी, जेपी नड्डा ने जताया आभार
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version