रांची। शुक्रवार को रांची के जैप-1 आॅडिटोरियम डोरंडा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपने के दौरान कहा कि अभी आप लोगों ने सुना है न, उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गयी। मुझे लगता है कि कोरोना के बाद यह शारीरिक दक्षता वाला पहला एग्जाम रहा। इसमें दर्जन भर से ज्यादा नौजवानों ने जान गंवा दी। इसके लिए हम बहुत उदास हैं। हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि इसके तह तक जाने का हमारा प्रयास रहेगा, क्योंकि झारखंड के युवा इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं कि वे 10 किलोमीटर दौड़ ना सकें। हमने इसके लिए मदद मांगी है कि इसकी विस्तृत जांच हो कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों की मौत हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी एक एग्जाम हुआ है जेएसएससी का। उसमें मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्तविकता का अता पता नहीं है। खबरों में, मीडिया में सरकार को कितना कालिख पोत सकें, लोग लगे हुए हैं। हम लोगों ने बिल्कुल संकल्पित होकर काम किया है। उसी का नतीजा है कि अब निरंतर हम लोग नियुक्तियां कर रहे हैं। सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि सरकार और राज्य की व्यवस्था किसी एक माध्यम से नहीं चल सकती है। जब सभी क्षेत्रों के लोग राज्य के विकास के पहिए को खीचेंगे, तभी राज्य के सर्वांगीण विकास के बात पूरी हो सकेगी।
सीएम ने कहा कि आप सबको पता है कि एक लंबी लड़ाई के बाद राज्य अलग हुआ। राज्य अलग हुए 25 साल हो रहे हैं। कई वर्षों तक तो झारखंड और बिहार में कैडर भी विभाजित नहीं हो पाया था। ऐसी स्थिति में टेंपररी व्यवस्था से चीजों को चलाया गया। धीरे-धीरे कैडर विभाजन के साथ-साथ नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू हुई। कई जगह नियुक्तियां राज्य अलग होने के तुरंत बाद होनी चाहिए थी, वो अब तक नहीं हो पायी थीं। कई संवर्ग की नियुक्ति नियमावली का नहीं बनना मुख्य कारणों में से एक रहा। 2019 में हम लोगों ने सरकार संभाली, तो स्थिति ऐसी रही कि राज्य के विकास की बात तो छोड़िए, राज्य में हम लोग जिंदा कैसे रहें, इसपर हम लोग चिंतत रहने लगे थे। कोरोना महामारी आप लोगों ने देखी। दो साल तक उठापटक रही। धीरे-धीरे कोरोना का बादल छंटा। विभागवार समीक्षा हुई तो पता चला कि कई संवंर्ग की नियुक्ति नियमावली भी नहीं है। कई लोग बहाल हुए तो उनकी बहाली में उलझनें भी आ गयी। कुछ वास्तविक उलझन रही, कुछ दिखावे की उलझन रही।
सीएम हेमंत ने कहा कि इस राज्य को कई तूफानों का सामना करना पड़ा। कई हिचकोले खाने पड़े। फिर हम लोगों ने सभी विभागों के अंदर सभी संवर्ग के लिए नियमावली बनायी। हम लोगों ने जेपीएससी की परीक्षा कंडक्ट करायी है। देश में उसका रिकॉर्ड रहा है कि सबसे कम समय में हमने उसका रिजल्ट प्रकाशित कर बीडीओ, सीओ, कलक्टर बनाने का काम किया। कई बार हम लोगों ने नियुक्त पत्र बांटे। बांटने के बाद एक नयी समस्या खड़ी होती है कि अब इनको पदस्थापन करना है। विभाग में उथल-पुथल होता है। कई बार हम लोगों ने ऐसी नियुक्ति पत्र बांटा कि नियुिक्त पत्र के साथ-साथ पदस्थापन की जगह भी लॉटरी के माध्यम से मिलता था। हमारा प्रयास रहा है कि हर चीज पारदर्शिता से हो। न्याय संगत हो। हम सबको एक नजरिये से देखते हैं। बिखरी हुई चीजों को हम समेटने में लगे हैं।
हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि आज इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सबसे अधिक शिक्षकों की संख्या दिख रही है। हमें खुशी है कि आप अब सरकार की मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ेंगे। शिक्षा का क्षेत्र अत्यंत महत्पूर्ण है। हम लोगों ने सीएम स्कूल आॅफ एक्सीलेंस बनाया है। आज भी कई बच्चे हैं जो प्राइवेट स्कूल में जाने की चाह रखते हैं। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते नहीं जा पाते हैं। अब हमारा प्रयास है कि उस आर्थिक तंगी को हम मिटायें। निश्चित रूप से जिस तरह से हम आगे बढ़ रहे है, उसमें हमारे कदम ना रुकें।