खूंटी। सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खूंटी से दक्षिणी छोटानागपुर में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा की शुरूआत की। मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान हेमंत सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी है। अलगाव वादी तत्वों को, राष्ट्र विरोधी तत्वों को पनाह देने वाली, उनको उत्साह देने वाली, उनकी परवरिश करने वाली पार्टी है। अगर प्रदेशों में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण की रणनीति, परिवारवाद से ग्रसित करने का काम किसी ने किया तो वो कांग्रेस पार्टी ने किया।
हेमंत सोरेन की सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से हमारे हेमंत सोरेन जी ने भी सीखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। झामुमो भी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई पार्टी बन गयी। युवाओं के साथ छल किया। परिवारवाद को बढ़ावा दिया। और अपने ही परिवार में जो पराये दिखे उनको अलग करने का काम किया। भ्रष्टाचार में रिकॉर्ड तोड़ने का काम किया झारखंड मुक्ति मोर्चा ने। झारखंड को झारखंड मुक्ति मोर्चा से, कांग्रेस से, राजद से मुक्ति दिलानी होगी। ये ग्रहण की तरह झारखंड पर लगे हुए हैं। ये कहते कुछ हैं करते कुछ हैं। इनको सत्ता से हटाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हमें आपके साथ की आवश्यकता है। इस परिवर्तन यात्रा की शुरूआत सिदो-कान्हू की धरती से अमित शाह ने की। आशा करता हूं कि आप इस परिवर्तन को सफल बनायेंगे। ये परिवर्तन यात्रा मां, बेटी, रोटी, आदिवासी की रक्षा की यात्रा है। ये परिवर्तन यात्रा हमारे भोले भाले अदिवासी भाई के हक की, सुरक्षा करने की यात्रा है। ये परिवर्तन यात्रा हमारी मां बेटी की सुरक्षा की यात्रा है। ये परिवर्तन यात्रा भोले भाले आदिवासी भाइयों की जमीन को हड़पने का षडयंत्र रच रहे हैं उनसे सुरक्षा दिलाने के लिए आवश्यक है। ये यात्रा संकल्प लेने की यात्रा है कि जिन लोगों ने भी आदिवासी भाइयों के साथ छल किया है। उनको कानून के दायरे में कार्रवाई की जायेगी। जिसकी जगह जेल में होगी, उन्हें जेल भेजा जायेगा।
चंपाई सोरेन, सीता सोरेन को अपमानित किया
जेपी नड्डा ने हेमंत सोरेन पर हमलावर होते हुए बोले कि जब झामुमो आदिवासी अस्मिता की बात करती है तो उसकी अस्मिता अपने परिवार तक सीमित है। क्या चंपाई सोरेन आदिवासी नहीं थे। क्या सीता सोरेन आदिवासी नहीं हैं। क्या उनकी रक्षा करना उनका काम नहीं था। उनको अपमानित क्यों किया गया। जिनको आपने मुख्यमंत्री बनाया वो आपको छोड़ कर चला जाता है। हेमंत सोरेन के पिता जी के साथ जिन्होंने आंदोलन किया, वह भी उनको छोड़ कर चले गये। एक बात याद रखिएगा आदिवासियों के हित की किसी ने रक्षा की है तो वो अकेली भारतीय जनता पार्टी है। याद करो वो दिन जब आप वनांचल की बात करते थे। जब आप बात करते थे कि हमारा राज्य बिहार से अलग हो। क्या उस समय कांग्रेस आपका साथ देती थी। उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसका विरोध नहीं किया था। अगर झारखंड के साथ कोई सदा खड़ा रहा तो वो भारतीय जनता पार्टी थी। और झारखंड को अलग राज्य का तौहफा देने का मौका भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी ने हमको झारखंड दिया। आदिवासियों की चिंता किसी और ने नहीं की, बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने की है।
दशकों तक बिरसा मुंडा का त्याग इनको याद नहीं आया
बिरसा मुंडा का बलिदान आपको याद नहीं आया। आप दशकों तक राज करते रहे। आपको याद नहीं आया कि आदिवासियों का गौरव दिवस भी मनाना चाहिए। ये काम अगर किसी ने किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने किया। 15 नवंबर देश में आदिवासी गौरव दिवस की रूप में मनाया जाता है। 2025 में बिरसा मुंडा जी को 150 साल हो जायेंगे। प्रधानमंत्री ने तय किया है कि वह आदिवासी गौरव वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। कभी किसी ने इसकी कल्पना क्यों नहीं की। अकेले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी जी, जो बिरसा मुंडा के गांव गये। उस मिट्टी को नमन किया। आदिवासी बहन को राष्ट्रपति बनाया गया। सही मायने में आदिवासियों को किसी ने प्रतिष्ठा दी है, तो वह हमारे प्रधानमंत्री हैं।
5 लाख नौकरी का वादा था किसी को मिला क्या
हेमंत सोरेन ने 1 लाख हर परिवार को देने का वादा किया था। 5 लाख नौकरी का वादा किया था। बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। नव विवाहिता को सोने का सिक्का देने का वादा किया था, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला। आये थे जल, जंगल जमीन के नाम पर लेकिन गरीब आदिवासियों की जमीन पर किसी ने कब्जा किया तो वो हेमंत सोरेन की सरकार ने किया। इनके मंत्री के पीए के नौकर के घर से पैसे निकल रहे हैं। एक कांग्रेस के सांसद के घर से तीन दिन तक पैसे निकाले गये। 1000 करोड़ का मनरेगा घोटाला हुआ, 300 करोड़ का जमीन घोटाला हुआ, 1000 करोड़ का खनन घोटाला हुआ। आप हमारी सरकार लायेंगे तो दूध का दूध पानी का पानी होगा। आदिवासियों की संख्या घट रही है। आदिवासियों की संख्या 44 प्रतिशत से घट कर 28 प्रतिशत रह गयी है। रोहंगिया यहां आ रहे ह। यहां की बेटियों से शादी कर रहे हैं। उनको बसाया जा रहा है। आदिवासियों की जमीन को हड़पा जा रहा है। सरकार मूकदर्शक बन कर उनको पनाह दे रही है। उनका आधार कार्ड बना रही है। अगर ये नहीं चलने देना है तो इस परिवर्तन रैली को सफल बनाना है।