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    Home»Top Story»नागपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करना होगा: डॉ नरेश चंद्र कारजी
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    नागपुरी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करना होगा: डॉ नरेश चंद्र कारजी

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 25, 2024Updated:September 25, 2024No Comments1 Min Read
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    रांची। प्रगतिशील नागपुरी समाज केंद्रीय समिति, छोटानागपुर के बैनर तले नागपुरी समाज के लोगों ने राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। सचिव करमू मुंडा ने कहा कि नागपुरी भाषा को 8वीं अनुसूचित में शामिल करना होगा। आज नागपुरी भाषा रामगढ़, लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी, रांची समेत अन्य जिलों में भी बोली जा रही है। इसके बाद भी नागरिक भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। अध्यक्ष नरेश चंद्र कारजी ने कहा कि नागपुरी भाषा संपर्क भाषा है। सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

    उन्होंने कहा कि यहां के पूर्वजों ने सुंदर झारखंड का सपना देखा था। लेकिन आज यहां के लोग काम की तलाश में झारखंड से बाहर जा रहे हैं। पलायन रोकने के लिए कृषि जमीन को उद्योग का दर्जा देना होगा। कोषाध्यक्ष रतन कुमार महतो ने कहा कि आज झारखंड में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गया है। मौके पर विजय कुमार,जैसवी कुमारी,बुधनाथ भगत, रतन कुमार महतो, दशरथ बड़ाइक, हरदयाल साहू समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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