साक्ष्य के अभाव में एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला, मंत्री बोले – न्यायपालिका पर था पूरा भरोसा
दुमका। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और उनके पिता व पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को गुरुवार को जमीन विवाद से जुड़े एक पुराने मामले में बड़ी राहत मिली है। एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय, दुमका ने इस मामले में सुनवाई के बाद साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया।
न्यायाधीश मोहित चौधरी की अदालत में पेश हुए दोनों नेताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा, “हमें शुरुआत से ही न्यायपालिका पर भरोसा था। मेरे पिताजी, जिन्होंने झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी, उन्हें भी बेवजह इस विवाद में घसीटा गया। आज सच्चाई सामने आ गई है। मैं अदालत का आभार प्रकट करता हूं।”
क्या था मामला?
यह मामला मधुपुर थाना क्षेत्र के निवासी मकबूल हुसैन द्वारा दर्ज कराए गए एक जमीन विवाद और मारपीट के आरोपों से जुड़ा है। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि वह मंत्री इरफान अंसारी द्वारा खरीदे गए मकान में किरायेदार के रूप में रह रहे थे।
मकान को लेकर हुए विवाद में इरफान अंसारी, उनके पिता फुरकान अंसारी, मुस्तारी खातून और सत्तार कराम पर गाली-गलौज, मारपीट और धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। वर्ष 2022 में इस संबंध में एक परिवाद पत्र दायर किया गया था, जिसमें परिवारवाद कांड संख्या 110/22 के तहत भारतीय दंड संहिता की धाराएं 323, 324, 380, 406, 420, 504, 386, 398, 452, 453/34 में मामला दर्ज किया गया था।
अदालत ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। ऐसे में सभी आरोपियों को निर्दोष घोषित कर बरी कर दिया गया।