न्यूयॉर्क (अमेरिका)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्चस्तरीय 80वें सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर ने आज यहां समान विचारधारा वाले वैश्विक दक्षिण देशों की उच्चस्तरीय बैठक की मेजबानी की। उन्होंने बैठक का ब्यौरा और फोटो एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिख कि उन्हें सभी का स्वागत कर प्रसन्नता हुई। जयशंकर ने कहा कि बढ़ती चिंताओं और जोखिमों की बहुलता को देखते हुए यह स्वाभाविक है कि वैश्विक दक्षिण समाधान के लिए बहुपक्षवाद की ओर रुख करे।
उन्होंने एक्स पोस्ट पर कहा कि वैश्विक मामलों में वैश्विक दक्षिण के दृष्टिकोण के लिए निम्नलिखित प्रस्ताव रखे गए। 1-एकजुटता बढ़ाने और सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच परामर्श को मजबूत करने के लिए मौजूदा मंचों का उपयोग करें। 2-अपनी विशिष्ट शक्तियों, अनुभवों और उपलब्धियों को सामने लाएं जो हमारे द्वारा विकसित की गई हों और जिनसे वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों को लाभ हो सकता है। टीके, डिजिटल क्षमताएं, शिक्षा क्षमताएं, कृषि-पद्धतियां और लघु एवं मध्यम उद्यम संस्कृति इसके अच्छे उदाहरण हैं। 3- जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय जैसे क्षेत्रों में, ऐसी पहल करें जो वैश्विक उत्तर को उचित ठहराने के बजाय वैश्विक दक्षिण के हित में हों। 4-भविष्य में आने वाली तकनीकों, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, की संभावनाओं पर चर्चा करें और संयुक्त राष्ट्र और समग्र रूप से बहुपक्षवाद में सुधार करें।
जयशंकर ने इस दौरान नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वैन वील, जमैका की विदेशमंत्री, सेंट लूसिया के विदेश मंत्री अल्वा बैप्टिस्ट, मॉरीशस के विदेशमंत्री रितेश रामफूल, सूरीनाम के विदेशमंत्री मेल्विन बौवा, डेनमार्क के विदेशमंत्री और श्रीलंका के विदेशमंत्री से भी मुलाकात की। जयशंकर की कल अमेरिका के विदेशमंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात हुई थी। विदेशमंत्री जयशंकर 27 सितंबर को यूएनजीए मंच से वक्तव्य देंगे।