महुआडांड़ की 13 वर्षीय असिता की आंखों की रोशनी जा रही है, पहल करे सरकार
एक आंख जन्म के कुछ ही दिन बाद खराब, दूसरे की जा रही रोशनी, एक्सपर्ट बोले बच सकती है रोशनी
परिजनों ने ‘आजाद सिपाही’ के माध्यम से सरकार से लगायी मदद की गुहार
आदर्श कुमार ‘चंचल’
गारु (आजाद सिपाही)। लातेहार जिले के महुआडांड़ अंतर्गत अक्सी पंचायत के तिसिया (टोला खूंटी करम) निवासी राजेश्वर कोरवा की 13 वर्षीय पुत्री असिता, जन्म के कुछ दिन बाद ही आंखों की गंभीर अज्ञात बीमारी का शिकार हो गयी। इस कारण उसकी एक आंख की रोशनी चली गयी। वहीं दूसरी आंख की रोशनी समय के साथ धीरे-धीरे कम होती जा रही है। जिसके कारण वह अब पढ़ लिख नहीं पा रही है।
विलुप्ती की कगार पर आदिम जनजाति कोरवा समुदाय की बालिका असिता का परिवार अत्यंत गरीब है। इस कारण बच्ची का समुचित इलाज कराने में असमर्थ है।
नहीं मिलता राशन: मां रीना देवी
माता रीना देवी ने बताया कि हमें राशन-पानी खरीद कर खाना पड़ता है। गांव में किसी तरह का रोजगार नहीं होने के कारण पेट पालने की समस्या है। पैसे के आभाव में बेटी का इलाज नहीं हो पा रहा है। असिता की दो बहनें और एक भाई भी है।
राशन कार्ड भी नहीं
खूंटीकरम के असिता के चाचा सुदेश्वर कोरवा एवं चाची ज्योति कोरवा ने बताया कि असिता के माता-पिता का राशन कार्ड नहीं बन पाया है। इसके चलते आयुष्मान कार्ड भी नहीं बन पा रहा है। इस वजह से वो समुचित इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। उन्होंने राशन कार्ड के बारे में कहा कि हमने कई बार राशन कार्ड बनाने के लिए डीलर के पास चक्कर लगाया, लेकिन आज तक राशन कार्ड नहीं बन पाया।
असिता पढ़ना चाहती है, लेकिन रोशनी बन रही बाधा
आदिम जनजाति की असिता को पढ़ने-लिखने एवं गांव के बच्चों के साथ टोली बना कर खेलने का बहुत मन करता है। लेकिन धीरे-धीरे उसके आंखों की रोशनी कम हो जाने के कारण उसका बचपन उससे छिनता जा रहा है। असिता आगे पढ़ना चाहती है, लेकिन आंखों की कम हो रही रोशनी इसमें बाधा बन रही है।
पीड़ित आदिम जनजाति परिवार ने सरकार के साथ-साथ, लातेहार के उपायुक्त, स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह एवं सांसद कालीचरण सिंह से ‘आजाद सिपाही’अखबार के माध्यम से मदद की गुहार लगायी है, ताकि उसकी आंखों की रोशनी बचा कर उसे जीने के लिए नयी जिंदगी दी जा सके।
पूछताछ के बाद प्रशासन रेस
आजाद सिपाही संवाददाता ने जब इस संबंध में स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह से असिता के बारे में जानकारी दी गयी, तो उन्होंने उस बच्ची का समुचित इलाज करवाने का आश्वासन दिया है। इस मामले में जब बीडीओ संतोष बैठा से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है। कल ही एक टीम भेज कर असिता के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। चिकित्सा प्रभारी महुआडांड़, डॉक्टर अमित खलखो ने कहा कि पेसेंट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। हालांकि स्थानीय सहिया को भेज कर बालिका के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने को निर्देशित किया जा रहा है। जानकारी देने के बाद इस संबंध में एमओ सुमित सिन्हा ने कहा कि पीड़ित परिवार का जल्द ही राशन कार्ड ऑनलाइन कर बनवा दिया जायेगा, एवं निजी संज्ञान लेते हुए आयुष्मान कार्ड भी बनवा दिया जायेगा।
आजाद सिपाही ने बच्ची की तस्वीर भेज आइ एक्सपर्ट डॉ सुबोध सिंह से राय ली, कहा: इलाज संभव
जब आजाद सिपाही ने बच्ची असिता की तस्वीर आइ एक्सपर्ट डॉ सुबोध को भेजी, तो डॉक्टर सुबोध ने बताया कि तस्वीर देख कर यही लगता है कि बच्ची की कॉर्निया मेल्ट होने के कारण आंखों की रोशनी जा रही है। ऐसा बिटामिन ए की कमी के कारण होता है। पहले एक आंख की कॉर्निया मेल्ट होने के कारण रोशन चली गयी, फिर दूसरी आंख में इन्फेक्शन के कारण धीरे-धीरे रोशनी जा रही है। अगर रेटिना की स्थिति सही हो, कॉर्निया ट्रांसप्लांट करके उसकी आंखों की रोशनी लौटायी जा सकती है। जांच के बाद ही ज्यादा स्पष्ट राय दी जा सकती है। गांव में सही मात्रा में पोषण नहीं मिलने के कारण बच्चों में इस तरह की परेशानी देखने को मिलती है।