नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी में उत्पन्न सत्ता संघर्ष के बीच उत्तरप्रदेश में मुलायम-शिवपाल कैम्प अगले साल के प्रारंभ में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में गठबंधन को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहा है। शिवपाल ने इस क्रम में आज रालोद प्रमुख अजीत सिंह से मुलाकात की। सपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आज रालोद प्रमुख अजीत सिंह ने मुलाकात की और उन्हें पांच नवंबर को होने वाली समाजवादी पार्टी की 25वीं वषर्गांठ समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया। रालोद का उत्तरप्रदेश के पश्चिमी हिस्से में प्रभाव है।बुधवार को शिवपाल यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार और उनके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं शरद यादव और के सी त्यागी से मुलाकात की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हालांकि आज कहा कि उन्हें पांच नवंबर को होने वाले समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती जनता परिवार के अलग हुए दलों को एकजुट करने के प्रयास हुए। सपा प्रमुख मुलायम सिंह की अध्यक्षता में बातचीत आगे बढ़ी लेकिन सफल नहीं हुई थी। लेकिन यह कहना गलत होगा कि ऐसे प्रयास आगे सफल नहीं होंगे। गुटबाजी से जूझ रही सपा अब आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और बसपा से मुकाबला करने के लिए गठबंधन की राह पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता एवं पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच मतभेद गहरे हो गए हैं। मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह एक तरफ बताये जाते हैं तो अखिलेश का समर्थन रामगोपाल यादव कर रहे हैं जिन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
मुलायम सिंह का निमंत्रण लेकर शिवपाल यादव राष्ट्रीय राजधानी में उनके समाजवादी मित्रों से मुलाकात कर रहे हैं। जदयू और सपा सू़त्रों के अनुसार, इस निमंत्रण का मकसद उत्तरप्रदेश में बिहार की तर्ज पर गठबंधन कायम करना है। बिहार में महागठबंधन ने जबर्दस्त सफलता हासिल की थी। उत्तरप्रदेश में बिहार की तर्ज पर गठबंधन नहीं बन पाने के लिए शिवपाल ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव को जिम्मेदार बताया था। रालोद प्रमुख से मुलाकात के बाद शिवपाल ने संवाददाताओं से कहा, “मैं सपा के स्थापना दिवस के लिए अजीत सिंह का निमंत्रण लेकर आया हूं। सभी धर्मनिरपेक्ष दल भाजपा को उत्तरप्रदेश में नहीं देखना चाहते हैं। यह सभी लोहियावादियों और चरणवादियों को एक साथ लाने का प्रयास है। अगर हम सफल होते हैं तब हम भाजपा को रोक देंगे।“