नयी दिल्ली: सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में रुकावट पैदा करने वाले विशेष मुद्दों को हल करने का प्रयास कर रही है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एफडीआई नियमों को उदार किए जाने के बावजूद कई मुद्दे हैं जिनकी वजह से विलंब हो रहा है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने भारत-जापान व्यापार सहयोग समिति को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम विभिन्न क्षेत्रों में विशेष नीतिगत मुद्दों को हल करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने ऐसे मुद्दों की पहचान की है जो एफडीआई नीति को उदार किए जाने के बाद भी इसमें हैं। विभिन्न क्षेत्रों में कई मुद्दे हैं।’’
अभिषेक ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचा, कराधान पर कई मुद्दे हैं। हम सभी को देख रहे हैं। इनमें से कुछ को हल कर लिया गया है।’’ सरकार ने इससे पहले इसी साल एफडीआई व्यवस्था में बदलावों को मंजूरी दी थी। इन सुधारों के तहत नागर विमानन तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई, वहीं रक्षा तथा फार्मास्युटिकल्स क्षेत्रों में नियमों को उदार किया गया। अभिषेक ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि कारोबारी वातावरण पहले बहुत बेहतर नहीं था। लेकिन अब इसे सुधारने पर काफी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल के दौरान सरकार ने कारोबार अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास किया है। कारोबार सुगमता मेक इन इंडिया का काफी महत्वपूर्ण पहलू है। अभिषेक ने भरोसा दिलाया कि कारोबारी वातावरण और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे। इसके नतीजे जल्द दिखने लगेंगे।