श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को पुलिस से अपील की कि ऐसे युवा जो आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़कर भाग गए हैं, उन्हें मुठभेड़ में मारा नहीं जाए बल्कि, सुरक्षित घर वापस लाया जाए।
महबूबा ने श्रीनगर के बाहरी इलाके जेवान में आयोजित पुलिस बल के एक कार्यक्रम में कहा, ऐसे स्थानीय युवक जिन्होंने हथियार उठा लिया है या जिन्होंने ऐसा नहीं किया है, लेकिन आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए घर से गायब हैं, उन्हें मदद की जरूरत है।
मुख्यमंत्री का यह बयान तब आया है, जब सोशल मीडिया पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों का एक वीडियो सामने आया, जो किसी बगीचे में शूट किया गया है। वीडियो में ये लोग एकदूसरे को गले लगा रहे और बधाई दे रहे हैं। यह गत 8 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे गए आतंकी बुरहान वानी की याद दिलाता है।
उन्होंने कहा, मैं पुलिस से अपील करूंगी कि ऐसे युवाओं को मुठभेड़ में मारने के बजाय उनकी सुरक्षित घर वापसी के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्हें वापस मुख्यधारा से जोड़ा जाए। उनके हाथों में बंदूक के बजाय बैट और बॉल थमाया जाए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन स्थानीय लोगों को परेशानी नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिस ‘अफस्पा’ कानून से सेना को विशेष ताकत मिलती है और वे शक होने पर किसी भी घर की तलाशी ले सकते हैं या फिर उन्हें हिरासत में ले सकते हैं, वह हमेशा के लिए नहीं है। उन्होंने स्थानीय युवाओं से भी हिंसा को छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि घाटी में पहले शांति और सद्भाव का माहौल बनाना होगा, तभी इस कानून को हटाने के प्रयास शुरू किए जा सकेंगे।