जहानाबाद: बिहार में जहानाबाद के बहुचर्चित सेनारी नरसंहार मामले में स्थानीय अदालत ने आज 23 अभियुक्तों को रिहा कर दिया जबकि 15 को दोषी करार दिया । अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तीन) रंजीत कुमार सिंह ने मामले की सुनवाई के बाद नरसंहार मामले में 38 अभियुक्तों में से 23 को रिहा कर दिया तथा 15 को दोषी करार दिया। दोषियों को 15 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।
गौरतलब है कि 18 मार्च 1999 की आधी रात को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा माओवादी) के हथियारबंद दस्ते ने सेनारी गांव में 34 लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी थी। सेनारी में उस शाम नक्सली एक जाति विशेष के लोगों को घरों से उत्तर सामुदायिक भवन के पास बधार में ले गये और वहां उनकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी थी। इस मामले में चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित कुल 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। चिंता देवी के पति व उनके बेटे की भी वारदात में हत्या कर दी गयी थी। मुकदमा लंबे समय तक चला। वादी चिंता देवी की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। वहीं, चार आरोपियों की भी मौत हो चुकी है। इस नरसंहार के 66 गवाहों में से 32 ने सुनवाई के दौरान गवाही दी थी।