बड़कागांव: एक बार फिर बड़कागांव कांड पर झारखंड बंद कराय गया। पिछले करीब एक दशक से एनटीपीसी के प्रोजेक्ट का बड़कागांव इलाके में रैयत विरोध कर रहे हैं। जमीन मालिक एनटीपीसी को खनन और दूसरे कामों के लिए जमीन नहीं देना चाहते है। जिसके नेतृत्व में आंदोलन ने सिर उठाया, उनके यानि योगेंद्र साव, निर्मला देवी की भूमिका पर भी कई बार सवाल उठते रहे हैं। एक दशक में अब तक तीन बार गोलीकांड हो चुका है। इसमें पांच लोगों की मौत हुई तो कई लोग घायल हुए। हर वक्त बड़कागांव अशांत ही रहा। हर वक्त यहां सियासी पारा सातवें आसमानपर रहा।

नतीजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। 23 फरवरी 2013 को एनटीपीसी की ओर से केंद्र सरकार को दी गयी रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से बरवाडीह क्षेत्र के 8339 लोग विस्थापित होंगे।
ऐसे विस्थापितों के लिए बड़कागांव में ही आरएंडआर कॉलोनी बनाये जाने की योजना है।
जिसके लिए 792.40 करोड़ का आवंटन हुआ है। कॉलोनी के निर्माण काम में खड़गपुर और स्थानीय ठिकेदार को लगाया गया है। वहीं एनटीपीसी ने त्रिवेणी सैनिक माइनिंग लिमिटेड को खनन काम दिया है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version