नई दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने बैंकों का ऋण चुकता नहीं करने के आरोपी उद्योगपति विजय माल्या को चार सप्ताह के भीतर विदेशों में स्थित अपनी परिसम्पत्तियों का पूरा ब्योरा देने का आज निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति र्रोंहगटन एफ नरीमन की पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह (कंसोर्टियम) की अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। न्यायालय ने माल्या को यह भी बताने को कहा है कि यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड छोड़ने के लिए डिआजियो से उन्हें 26 फरवरी को जो चार करोड़ डॉलर मिले, उसका उन्होंने क्या किया?

न्यायालय का यह आदेश उस वक्त आया जब बैंकों के कंसोर्टियम ने अवगत कराया कि माल्या ने अपनी सम्पत्तियों और देनदारियों का पूरा ब्योरा नहीं सौंपा है। इसके बाद न्यायालय ने माल्या को अपने विदेशी बैंक खातों सहित सभी विदेशी सम्पत्तियों के बारे में पूरा खुलासा करने का आदेश दिया।

इससे पहले न्यायालय ने केंद्र सरकार से माल्या के मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी चाही, इस पर एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि माल्या इन दिनों लंदन में हैं।

कंसोर्टियम ने शीर्ष अदालत को बताया है कि उसके 9000 करोड़ रुपये शराब कारोबारी माल्या पर बकाया हैं। गत 26 अप्रैल को भी न्यायालय ने माल्या से अपने सम्पत्तियों का ब्योरा देने को कहा था, लेकिन वह इस पर खरे नहीं उतरे हैं। मामले की अगली सुनवाई 24 नवम्बर को होगी।

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