नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने डेबिट कार्ड डाटा में सेंध लगाने के मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया। उन्होंने आज यह भी कहा कि 32 लाख से अधिक कार्ड से जुड़े डाटा में सेंध की आशंका से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और रिपोर्ट मिलने के बाद उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।

जर्मन सरकार के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में दास ने कहा, ‘‘ग्राहकों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि यह हैकिंग कंप्यूटर के जरिये की गयी और इसके तह तक आसानी से जाया जा सकता है..जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, वह त्वरित की जाएगी।’’ देश के बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाली डाटा सुरक्षा में अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी की घटना से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई बैंकों के 32 लाख से अधिक डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है।

डाटा में यह सेंध कुछ एटीएम प्रणालियों में साइबर मालवेयर हमले के रूप में हुई है। भारतीय स्टेट बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं जबकि अनेक अन्य बैंकों ने सुरक्षा सेंध से संभवत: प्रभावित एटीएम कार्डों पर रोक लगा दी है और ग्राहकों से कहा है कि वे इनके इस्तेमाल से पहले पिन अनिवार्य रूप से बदलें। अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है। कुछ बैंकों को यह भी शिकायत मिली है कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक देशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि ग्राहक भारत में ही हैं।

वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव जीसी मुरूमू ने ग्राहकों को शांत करने की कोशिश करते हुए गुरुवार को कहा था, ‘‘कुल डेबिट कार्ड में से केवल 0.5 प्रतिशत की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है जबकि बाकी 99.5 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित हैं और बैंक ग्राहकों को चिंता नहीं करनी चाहिए।’’ इस समय देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं जबकि बाकी वीजा और मास्टरकार्ड हैं।

नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने गुरुवार को कार्ड नेटवर्कों और सभी प्रभावित बैंकों को आगाह किया है कि कुल मिलाकर 32 लाख कार्ड इस सुरक्षा सेंध से प्रभावित हो सकते हैं। इनमें से छह लाख रूपे कार्ड हैं। एनपीसीआई भारत में सभी तरह की खुदरा भुगतान प्रणालियों का शीर्ष संगठन है। एनपीसीआई ने एक बयान में कहा है कि 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करोड़ रुपये की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है। भारत-जर्मनी संबंधों के बारे में बात करते हुए दास ने कहा कि यूरोपीय देश की विभिन्न एजेंसियों ने 1.1 अरब यूरो की प्रतिबद्धता जतायी है। उन्होंने कहा कि वित पोषण अक्षय ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा तथा निर्मल गंगा जैसे सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में किये जा रहे हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version