सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने तत्काल कार्यशील पूंजी की जरुरतों को पूरा करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये के अल्पावधि की मांग की है। इसकी जानकारी कंपनी के एक दस्तावेज से हुई है।
एक महीने से कुछ अधिक समय में यह दूसरी बार है जब एयर इंडिया ने अल्पावधि के लिए निविदा जारी की है। वहीं, दूसरी ओर सरकार हिस्सेदारी बेचने की रूपरेखा पर काम कर रही है। कर्ज के बोझ तले दबी सरकारी विमानन कंपनी वित्तीय संकट और कठोर प्रतिस्पर्धा समेत कई मुद्दों से जूझ रही है।
18 अक्तूबर को जारी दस्तावेज में एयर इंडिया ने कहा, वह तत्काल कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकारी गारंटी के समर्थन वाली 1500 करोड़ रुपये तक की अल्पावधि की तलाश में है।
अवधि जारी होने की तिथि से 27 जून 2018 तक होगी और इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
दस्तावेज में कहा गया है कि भारत सरकार की गारंटी 27, जून 2018 तक या विनिवेश की तिथि तक वैध रहेगी।
अल्पावधि के संबंध में एयर इंडिया ने बैंकों से अनुरोध किया है कि वह वित्तीय बोली के साथ दी जाने वाली राशि के बारे में जानकारी 26 अक्तूबर तक जमा करें।