बिहार सरकार ने मिट्टी घोटाले की जांच निगरानी से कराने का फैसला किया है. डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी के 750 करोड़ के निर्माणाधीन मॉल से मिट्टी खुदाई का कार्य जब प्रारम्भ हुआ, लगभग उसी समय 9 अगस्त, 2016 को मिट्टी के पथों के निर्माण का प्रस्ताव विभाग को दिया गया और 95.75 लाख रुपए मिट्टी के 3 पथों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गयी.
उन्होंने कहा कि पथ निर्माण के औचित्य के संबंध में दोनों पदाधिकारियों द्वारा भिन्न बातें बतायी गई हैं. 6 स्थानों से मिट्टी लाए जाने की बात संवेदक द्वारा बतायी गयी, जिसमें से स्थल निरीक्षण के दौरान मात्र 4 लोगों द्वारा मौखिक रूप से मिट्टी देने की बात को स्वीकार किया गया जिसका भी कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी के मॉल की मिट्टी और उद्यान में प्रयुक्त मिट्टी की कभी जांच कराने का प्रयास नहीं किया गया है.
उन्होंने पूछा कि किन परिस्थितियों में तेजस्वी के परिवार के गोबर को चिड़ियाघर में इस्तेमाल हेतु स्वीकार किया गया. सरकार ने सारी विसंगतियों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर निगरानी से जांच कराने का निर्णय लिया है.