कुछ समय पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकियों का स्वर्ग बताते हुए उससे सभी रिश्ते खत्म करने की बात तक कह दी थी

अगस्त के आखिरी हफ्ते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को लेकर अपनी नई सामरिक नीति की घोषणा की थी. इसमें उन्होंने अपने पुराने रुख से पलटते हुए अफग़ानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ जंग और तेज करने की बात कही थी. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाते हुए उसे अफगानिस्तान में फैली हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था.

डोनाल्ड ट्रंप का कहना था, ‘अफगानिस्तान को लेकर हमारे दो प्रमुख एजेंडे हैं – पहला वहां से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना है. दूसरा, हमें पाकिस्तान को डील करने का अपना नजरिया बदलना है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब हम उस पाकिस्तान को लेकर और ज्यादा चुप नहीं रह सकते जो आतंकियों के लिए स्वर्ग बना हुआ है. हमने उसे अरबों रुपए दिए और उसने उन्हीं से आतंकियों को ठिकाने मुहैय्या कराए. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका का बहुत फायदा उठाया है. लेकिन, अब अगर वह आगे भी इसी तरह आतंकियों की मदद जारी रखता है तो उसे बहुत कुछ गंवाना पड़ेगा…ऐसे किसी भी देश के साथ रिश्ते कायम नहीं रह सकते जो उन आतंकियों को आश्रय देते हैं जो अमेरिकी अधिकारियों को निशाना बनाते हैं.’

इस कड़े संदेश के करीब एक महीने बाद ही बीते शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर एक और बयान दिया जिसने दुनिया को एक बार फिर हैरान कर दिया. यह बयान पाक सेना द्वारा एक कनाडाई परिवार को हक्कानी नेटवर्क से छुड़ाये जाने के बाद आया. इस बयान में ट्रंप ने अपने पिछले बयान के उलट पाकिस्तान की जमकर प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, पाकिस्तान और इसके नेताओं के साथ एक बेहतर रिश्ते के विकास की शुरुआत कर रहा है. मैं कई मोर्चों पर सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद कहना चाहता हूं.’ उन्होंने आगे कहा कि ऐसे ऑपरेशन में पाकिस्तान द्वारा अमेरिका का सहयोग किए जाने से पता चलता है कि इस्लामाबाद ने वॉशिंगटन का सम्मान करना शुरू कर दिया है और वह इस क्षेत्र को आतंकियों से सुरक्षित रखने के प्रयास में लग गया है.

अंतरराष्ट्रीय जानकारों की मानें तो ट्रंप कनाडाई परिवार को छुडाये जाने के बाद केवल पाकिस्तान को धन्यवाद देकर भी काम चला सकते थे. लेकिन, इस छोटी सी घटना पर उन्होंने पाकिस्तान की जिस तरह तारीफ़ की और नए रिश्तों की शुरुआत करने की बात कही. उससे साफ़ पता चलता है कि वे एक बार फिर पाकिस्तान से संबंध अच्छे करने को बेताब हैं.

इस पूरे मामले में एक रोचक बात यह भी है कि जब अगस्त में ट्रंप ने पाकिस्तान को खुलेआम लताड़ लगाई थी तो माना जा रहा था कि कि पाकिस्तान अतीत में हुई ऐसी घटनाओं की तरह ही कुछ दिन के रस्मी रोष का दिखावा करते हुए मनुहार की स्थिति में आ जाएगा और अमेरिका के साथ सुलह समझौते की कोशिश करेगा. लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने चौंकाते हुए कई ऐसे नीतिगत फैसले लिए जिनसे वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच तनाव और बढ़ गया. साथ ही उसका अमेरिका को लेकर जो रुख बना उससे वह कहीं न कहीं अपने इस परंपरागत सहयोगी को चुनौती देता भी नजर आया.

अमेरिकी राष्ट्रपति से लताड़ लगने के बाद संसद के एक विशेष सत्र में पाक विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिका की जमकर निंदा की. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पास किया गया. साथ ही अमेरिका के साथ फिलहाल बातचीत बंद करने का निर्णय भी लिया गया. इसके बाद पाक विदेश मंत्री ने अपनी प्रस्तावित अमेरिका यात्रा रद्द कर दी. साथ ही पाकिस्तान की यात्रा पर आ रहीं अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स और दक्षिण एशिया की विशेष राजदूत लीजा कर्टिस से भी अपनी यात्राएं रद्द करने के लिए कह दिया गया.

दूसरी ओर इसी दौरान पाकिस्तान ने चीन से कुछ ज्यादा ही नजदीकी दिखानी शुरू कर दी. अफगान मामलों पर चीन की विशेष राजदूत का पाकिस्तान में जोरदार स्वागत किया गया. इसके कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने चीन का दौरा भी किया. दिलचस्प बात यह है कि ये यात्राएं पहले से प्रस्तावित तक नहीं थीं. इस सब के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अमेरिका को लेकर एक बड़ा बयान दे दिया. इसमें उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को अमेरिका से किसी तरह की खासकर सैन्य मदद की जरूरत नहीं है.

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