झारखंड में 11 साल की बच्ची संतोषी की भूख से हुई मौत मामले में झारखंड सीएम रघुवर दास ने सिमडेगा डीसी को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सीएम रघुवर दास ने कहा है कि रिपोर्ट में आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवायी की जाएगी। सीएम ने पीड़ित परिवार को 50 हज़ार की सहायता देने का निर्देश भी दिया है।
गौरतलब है कि झारखंड के सिमडेगा जिले में चार दिनों तक भूखे रहने के बाद 28 सितंबर को 11 साल की बच्ची ने तड़प कर दम तोड़ दिया था। जिसके बाद एक सोशल एक्टिविस्ट ने खुलासा किया कि राशन कार्ड का आधार से लिंक न होने की वजह से उसके परिवार को सरकारी राशन नहीं मिल पाया जिस वजह से बच्ची की मौत हो गई।
संतोषी कुमारी नाम की बच्ची की मौत चार दिनों तक भूखे रहने के बाद 28 सितंबर को हो गई थी। यह जानकारी बच्ची की मां कोयली देवी ने सामाजिक कार्यकर्ताओॆ को दी। खबर के मुताबिक परिवार को फरवरी महीने से ही किसी तरह का राशन नहीं मिल पाया था। गांव वालों की मदद से मिेले कुछ खाने और स्कूल में मिले मिड-डे मील की बदौलत परिवार घरवालों का पेट भर रहा था।
20 सितंबर को शुरू हुए दशहरा की छुट्टियों के दौरान संतोषी को मिड-डे मील का खाना नहीं मिल पाया। घर पर बचा खाना कुछ ही दिनों में खत्म हो गया। 27 सितंबर को संतोषी ने अपने घर वालों को पेट में भयानक दर्द की शिकायत की। इसके 24 घंटे बाद संतोषी की मौत हो गई।
मां कोयली देवी ने मीडिया को बताया कि मैं उसके लिए खाना लाने गई लेकिन मुझे राशन नहीं मिला। ‘मेरी बेटी खाना मांगते-मांगते मर गई’।
एक एक्टीविस्ट का कहना है कि परिवार के पास आधार कार्ड उपलब्ध था लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से आधार कार्ड को राशन कार्ड से नहीं जोड़ा जा सका।ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर संजय कुमार कोंगारी ने इस बात की पूष्टी की कि परिवार का नाम आधार कार्ड न जुड़ने की वजह से राशन लाभकर्ताओं की सूची से हटा दिया गया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृत बच्ची संतोषी के पिता बेरोजगार हैं। मां और बड़ी बहन दातुन बेच कर हफ्ते भर के 80 रुपये की कमाई करती है। इसके अलावा गांव के लोग जानवरों को चराने के बदले उन्हे चावल दे दिया करते थे।
झारखंड जो कि देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक है वहां गरीब परिवारों को प्रत्येक राशन कार्ड के बदले 35 किलोग्राम चावल देने का प्रावधान है।
मामले पर मीडिया से बात-चीत करते हुए झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि ऐसे साफ निर्देश दिए गए हैं कि जिन लोगों के राशन कार्ड आधार कार्ड से नहीं जुड़े हुए हैं उन्हें भी राशन मिलना चाहिए। इस मामले की छानबीन की जाएगी साथ ही मैं अपने आदेश की एक और कॉपी फिर से भिजवा रहा हूं ताकि सनद रहे।
अभी भी परिवार की हालत ठीक नहीं बताई जाती है। पूरा परिवार अभी भी आंगनबाड़ी से मिले खाने के पैकेट के भरोसे जिंदा है।
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