अटलांटिक महासागर में दूरस्थ ब्रितानी द्वीप सेंट हेलेना के लिए अंततः व्यवसायिक उड़ानें शुरू हो गई हैं.

दक्षिण अफ़्रीका से उड़ा विमान शनिवार सेंट हेलेना के नए एयरपोर्ट पहुंच रहा है.

अब तक सेंट हेलेना से आने जाने के लिए जहाज़ का इस्तेमाल किया जाता था जो तीन सप्ताह में एक बार ही जाता था.

उम्मीद की जा रही है कि ब्रितानी सरकार की मदद से शुरू की गई हवाई सेवा के बाद सेंट हेलेना में पर्यटन बढ़ेगा जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी.

सबसे बेकार एयरपोर्ट

लेकिन ब्रितानी मीडिया ने इस एयरपोर्ट को ‘दुनिया का सबसे बेकार एयरपोर्ट’ कहा है.

28.5 करोड़ पाउंड की ब्रितानी मदद से बना ये एयरपोर्ट बीते साल शुरू होना था लेकिन ख़राब मौसम की वजह से शुरू नहीं किया जा सका.

इस साल हुईं परीक्षण उड़ानों के बाद सेंट हेलेना और जोहानसबर्ग के बीच की साप्ताहिक उड़ान को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है.

अब तक इस ब्रितानी क्षेत्र को दुनिया का सबसे दुर्गम इलाक़ा माना जाता रहा था जहां तक सिर्फ़ दक्षिण अफ़्रीका से आने वाले जहाज़ के ज़रिए ही पहुंचा जा सकता था.

नेपोलियन से रिश्ता

1815 में वाटरलू की लड़ाई में हारने के बाद फ्रांस के नेता नेपोलियन बोनापार्ट को इसी द्वीप पर निर्वासित किया गया था और उनकी मौत यहीं हुई थी.

साउथ अफ़्रीका एयरलिंक की उड़ान 78 यात्रियों के साथ सेंट हेलेना पहुंचेगी. इस उड़ान में सवा छह घंटे का वक़्त लगेगा जिसमें नामीबिया की राजधानी विंडहूक में स्टॉप शामिल है.

अब तक सेंट हेलेना से दक्षिण अफ़्रीका जाने के लिए सिर्फ़ एचएमएस हेलेना की सेवाएं ही उपलब्ध थीं जिसे यहां तक पहुंचने में छह दिन लगते थे. ये जहाज़ अगले साल फ़रवरी में अपनी अंतिम यात्रा करेगा.

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